गंगा के बीच टापू पर फंसे पिकनिक मनाने गये कई परिवार

भाटपाड़ा पुलिस ने देवदूत बनकर बचायी मासूमों और महिलाओं की जान
Several families who went for a picnic are stranded on an island in the middle of the Ganges River.
आइलैंड में रेस्क्यू अभियान चलाती पुलिस
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निधि, सन्मार्ग संवाददाता

भाटपाड़ा: सर्दियों के मौसम में पिकनिक का आनंद लेना कभी-कभी जानलेवा साबित हो सकता है, खासकर तब जब नियमों और सुरक्षा को ताक पर रख दिया जाए। उत्तर 24 परगना जिले के भाटपाड़ा इलाके में गुरुवार को ऐसी ही एक रोंगटे खड़े कर देने वाली घटना सामने आई। हुगली नदी के बीचों-बीच स्थित एक निर्जन और खतरनाक टापू, जिसे स्थानीय लोग 'भाटपाड़ा आईलैंड' कहते हैं, वहां पिकनिक मनाने गए कई परिवार नदी के बीच फंस गए। अगर समय रहते भाटपाड़ा पुलिस मौके पर न पहुँचती, तो एक बड़ा हादसा हो सकता था।

खुशी का माहौल अचानक दहशत में बदला

मिली जानकारी के अनुसार, क्षेत्र के कुछ युवक अपने परिवार, महिलाओं और नन्हे बच्चों के साथ नाव किराए पर लेकर इस टापू पर पिकनिक मनाने गए थे। दिनभर हंसी-खुशी का माहौल रहा, लेकिन जैसे-जैसे सूरज ढलने लगा, प्रकृति ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू किया। नदी में ज्वार (High Tide) आने लगा और देखते ही देखते टापू के चारों ओर जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा। अंधेरा होने के कारण वे लोग किनारे तक लौटने का रास्ता नहीं ढूंढ पाए और टापू के एक छोटे से हिस्से में सिमट कर रह गए। मोबाइल नेटवर्क की समस्या के कारण कुछ समय के लिए उनका संपर्क मुख्य भूमि पर मौजूद परिजनों से भी टूट गया, जिससे दहशत और बढ़ गई।

पुलिस का 'सुपर-फास्ट' रेस्क्यू ऑपरेशन

घटना की सूचना मिलते ही एसीपी जगदल विश्वजीत पात्र और भाटपाड़ा थाने के अधिकारियों ने त्वरित कार्रवाई की। पुलिस टीम तुरंत नदी किनारे पहुंची, लेकिन सरकारी नाव आने का इंतजार करने में काफी समय बर्बाद हो सकता था। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए एसीपी ने बिना समय गंवाए स्थानीय नाविकों की मदद से एक निजी नाव का इंतजाम किया। पुलिस टीम खुद जान जोखिम में डालकर उफनती नदी के बीच टापू की ओर रवाना हुई। अंधेरे और ज्वार के बीच पुलिस ने टापू पर फंसे सभी लोगों को खोज निकाला और बारी-बारी से बच्चों और महिलाओं को सुरक्षित किनारे पर पहुंचाया। सुरक्षित लौटने के बाद परिजनों की आंखों में आंसू थे और उन्होंने पुलिस को 'देवदूत' बताते हुए आभार व्यक्त किया।

जहरीले सांपों और दलदल का है खतरा

स्थानीय प्रशासन और निवासियों के अनुसार, भाटपाड़ा आईलैंड कोई पर्यटन स्थल नहीं है, बल्कि एक बेहद खतरनाक और निर्जन स्थान है। यहाँ जहरीले सांपों का भारी बसेरा है और मिट्टी काफी दलदली है। प्रशासन ने इस टापू को पहले ही 'डेंजर जोन' घोषित कर वहां जाने पर आधिकारिक प्रतिबंध लगाया हुआ है। इसके बावजूद, कुछ उत्साही लोग और नाविक चंद पैसों के लालच में नियमों का उल्लंघन कर वहां पहुंच जाते हैं।

प्रशासन की सख्त चेतावनी और नई पाबंदी

इस भयावह घटना के बाद प्रशासन पूरी तरह सख्त हो गया है। भाटपाड़ा पुलिस ने स्पष्ट कर दिया है कि अब इस आईलैंड की ओर जाने वाली किसी भी नाव पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने स्थानीय नाविकों को सख्त चेतावनी दी है कि वे पिकनिक मनाने वालों को वहां न ले जाएं। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए नदी तट पर पुलिस की निगरानी बढ़ाई जाएगी और आईलैंड के प्रवेश बिंदुओं पर कड़े प्रतिबंध लागू किए जाएंगे। एसीपी विश्वजीत पात्र ने आम जनता से अपील की है कि वे अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ न करें और केवल अधिकृत पिकनिक स्थलों पर ही जाएं।

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