ईटानगर : अखिल अरुणाचल प्रदेश छात्र संघ की महिला विंग की संयोजक टेची तन्नू ने रविवार को बालीजान से एक लुप्तप्राय रात्रिचर वानर (नॉक्टरनल प्राइमेट) मादा ‘बंगाल स्लो लोरिस’ को बचाया।
ईटानगर जूलॉजिकल पार्क को सौंपा गया
तन्नू ने ‘बंगाल स्लो लोरिस को सड़क पार करते हुए देखा और तुरंत उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हस्तक्षेप किया। बचाये गये ‘बंगाल स्लो लोरिस को बाद में ईटानगर जूलॉजिकल पार्क को सौंप दिया गया, जहां उसे एक सुरक्षित और प्राकृतिक आवास प्रदान किया जाफेगा। ‘बंगाल स्लो लोरिस’ (निक्टिसेबस बेंगालेंसिस) एक रात्रिचर वानर (नॉक्टरनल प्राइमेट) है जिसे आईयूसीएन रेड लिस्ट में लुप्तप्राय के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। ‘बंगाल स्लो लोरिस को आवास की कमी, शिकार और अवैध वन्यजीव व्यापार से बड़े खतरों का सामना करना पड़ रहा है। इसे अक्सर विदेशी पालतू जानवरों के बाजार और पारंपरिक चिकित्सा के लिए पकड़ा या मारा जाता है।
पहले भी लुप्तप्राय सांप और एक बंदर को बचा चुकी हैं तन्नू
इसके शरीर के अंगों को गलत तरीके से विभिन्न बीमारियों को ठीक करने के लिए माना जाता है और कुछ क्षेत्रों में इसे भोजन के रूप में भी खाया जाता है। परिणामस्वरूप जंगली आबादी में भारी गिरावट आयी है और कई क्षेत्रों में यह प्रजाति स्थानीय रूप से विलुप्त हो गयी है। तन्नू ने लुप्तप्राय वन्यजीवों और पर्यावरण पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह पहली बार नहीं है जब मैंने किसी जंगली जानवर को बचाया है। इससे पहले मैंने एक लुप्तप्राय सांप और एक बंदर को बचाया था। उन्होंने लोगों से जानवरों का शिकार करने के बजाय उनकी रक्षा करने का आग्रह किया और पारिस्थितिकी संतुलन को बनाए रखने के बारे में अधिक जागरूकता पैदा करने की अपील की।
जैव विविधता को संरक्षित करने की अपील
इटानगर जैविक उद्यान के अधिकारियों ने तन्नू की सराहना की और नागरिकों से उनके उदाहरण का अनुसरण करने का आग्रह किया। चिड़ियाघर के एक अधिकारी ने कहा कि यदि आपको कोई जंगली या लुप्तप्राय जानवर मिलता है, तो कृपया संबंधित अधिकारियों को सूचित करें या उसे चिड़ियाघर को सौंप दें। हमारी जैव विविधता को संरक्षित करने में हर छोटा प्रयास मायने रखता है।