कोलकाता: नीति आयोग की हाल ही में प्रकाशित रिपोर्ट में पश्चिम बंगाल ने शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे प्रमुख सामाजिक सूचकों में राष्ट्रीय औसत से बेहतर प्रदर्शन कर एक बार फिर अपनी प्रभावशाली स्थिति दर्ज करायी है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को एक्स हैंडल पर इस उपलब्धि को साझा करते हुए राज्यवासियों को बधाई दी और इसे राज्य की 'समावेशी और सतत प्रगति का प्रतीक' बताया। नीति आयोग के अनुसार, वर्ष 2022–23 में पश्चिम बंगाल की वार्षिक बेरोजगारी दर 2.2 प्रतिशत रही, जो कि देश के औसत 3.2 प्रतिशत से करीब 30 प्रतिशत कम है। मुख्यमंत्री ने इसे राज्य सरकार की योजनाबद्ध नीतियों का परिणाम बताया, जिससे रोजगार के क्षेत्र में स्थिरता आयी है।
स्वास्थ्य क्षेत्र में भी बंगाल का प्रदर्शन सराहनीय रहा
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि शिक्षा के क्षेत्र में राज्य की साक्षरता दर 76.3 प्रतिशत (वर्ष 2011 के आंकड़ों के अनुसार) है, जबकि राष्ट्रीय औसत 73 प्रतिशत है। माध्यमिक और उच्च माध्यमिक परीक्षाओं में भी पास होने का प्रतिशत राष्ट्रीय औसत से अधिक है और स्कूल छोड़ने वालों की संख्या में कमी आयी है। स्वास्थ्य क्षेत्र में भी बंगाल का प्रदर्शन सराहनीय रहा। राज्य में औसत आयु अब 72.3 वर्ष (वर्ष 2020 तक) हो गई है, जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है। 1,000 पुरुष शिशुओं पर 973 कन्याओं का जन्म हो रहा है, जबकि राष्ट्रीय औसत 889 है। शिशु मृत्यु दर प्रति 1,000 जीवित जन्म पर 19 है और प्रति महिला औसत प्रजनन दर 1.6 है। दोनों ही मामलों में बंगाल राष्ट्रीय औसत से आगे है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि राज्य में पेयजल की उपलब्धता और जीवन स्तर में भी निरंतर सुधार हो रहा है।