ईटानगर : अरुणाचल प्रदेश में वन अधिकारियों ने पूर्वी कामेंग जिले के ऊंचाई वाले जंगलों में फूलदार पौधे की एक नयी प्रजाति ‘बेगोनिया न्यीशीओरम’ की खोज की है।
इसकी पहचान अद्वितीय लाल-किनारे वाली डंठलें
इस प्रजाति का दस्तावेजीकरण सेप्पा वन प्रभाग द्वारा एक चुनौतीपूर्ण अभियान के दौरान किया गया। इसकी खोज हाल ही में 23 जून को प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय पत्रिका ‘नोवोन : ए जर्नल फॉर बॉटनिकल नोमेनक्लेचर’ में प्रकाशित हुई, जो पूर्वी हिमालयी क्षेत्र में दुर्लभ और स्थानिक वनस्पतियों की बढ़ती सूची में शामिल हो गयी है। राज्य वन विभाग के सूत्रों ने बताया कि इसका नाम पूर्वोत्तर राज्य की सबसे बड़ी जनजाति ‘न्यीशी’ के सम्मान में रखा गया है। इसकी पहचान इसके अद्वितीय लाल-किनारे वाले डंठलों के कारण है, जो किसी अन्य एशियाई बेगोनिया में नहीं देखी जाती।
अरुणाचल प्रदेश के लिए गौरव का क्षण : पेमा खांडू
मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने इस खोज के लिए सेप्पा वन प्रभाग की सराहना की तथा इसे अरुणाचल प्रदेश के लिए गौरव का क्षण बताया और अरुणाचल प्रदेश की समृद्ध पारिस्थितिक विरासत और जैव विविधता में वैश्विक स्थिति की पुष्टि में इसके महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह राज्य की समृद्ध पारिस्थितिकी विरासत और जैव विविधता में वैश्विक प्रासंगिकता की पुष्टि है। उन्होंने वन विभाग के वन संरक्षक (डीएफओ) अभिनव कुमार और उनकी टीम के साथ-साथ इस खोज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले न्यीशी समुदाय की भी सराहना की। खांडू ने कहा कि अपनी अनूठी विशेषताओं के साथ बेगोनिया निशिओरम न केवल एक वनस्पति चमत्कार है बल्कि पूर्वी हिमालय की अप्रयुक्त प्राकृतिक संपदा का प्रतीक भी है।