बारासात जिला पुलिस ने नए साल में साइबर धोखाधड़ी की 'रिकवरी' दर को दोगुना करने का बनाया लक्ष्य

साइबर अपराध मामलों में कुल 68 अपराधियों की हुई गिरफ्तारी
Barasat district police have set a target to double the 'recovery' rate of cyber fraud cases in the new year.
रिफंड का चेक सौपंती बारासात जिला पुलिस की एसपी प्रतीक्षा झारखड़िया
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निधि, सन्मार्ग संवाददाता

बारासात: साल 2025 के समापन पर बारासात पुलिस जिले ने साइबर अपराधों का वार्षिक लेखा-जोखा (रिपोर्ट कार्ड) पेश किया है। जिला पुलिस अधीक्षक (SP) प्रतीक्षा झारखड़िया ने बताया कि पुलिस का आगामी लक्ष्य साइबर धोखाधड़ी के मामलों में रिफंड (धन वापसी) की दर को मौजूदा आंकड़ों से दोगुना करना है। उनके द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले एक साल में बारासात पुलिस जिले में लगभग 20 करोड़ रुपये की वित्तीय धोखाधड़ी की शिकायतें दर्ज की गईं। पुलिस की सक्रियता के कारण इनमें से करीब 6 करोड़ रुपये बरामद कर पीड़ितों को लौटाए जा सके हैं। हालांकि, यह कुल धोखाधड़ी की राशि का मात्र 26 प्रतिशत है, जिसे नए साल में बेहतर तकनीक और त्वरित कार्रवाई के जरिए दोगुना करने की योजना बनाई गई है। उन्होंने कहा कि चूंकि कई मामलो में हमारा काम जारी है तो हमें इस ओर सफलता जरूर मिलेगी।

साइबर थाने और अन्य थानों का प्रदर्शन

बारासात साइबर थाने में कुल 60 मामले दर्ज हुए, जिनमें 12.06 करोड़ रुपये की ठगी हुई थी। पुलिस ने कड़ी मेहनत के बाद इनमें से 4 करोड़ रुपये बरामद किए। वहीं, जिले के अन्य 9 थानों में लगभग 9.87 करोड़ रुपये की ठगी की शिकायतें आईं, जिनमें से 1.31 करोड़ रुपये वापस दिलाए जा सके। धोखाधड़ी के प्रकारों पर गौर करें तो वित्तीय धोखाधड़ी के सर्वाधिक 47 मामले रहे। इसके अलावा कॉल सेंटर, सिम कार्ड और सोशल मीडिया से जुड़े अपराध भी सामने आए। पुलिस ने इन सात प्रमुख मामलों की जांच करते हुए कुल 68 अपराधियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है।

पीड़ितों के खिले चेहरे: 20 लाख तक के चेक सौंपे गए

साल के अंतिम दिन आयोजित इस कार्यक्रम में एसपी प्रतीक्षा झकारिया ने धोखाधड़ी के शिकार हुए कई नागरिकों को उनके बरामद किए गए पैसे चेक के रूप में सौंपे। चेक प्राप्त करने वालों में समीर कुमार, अरिंदम रॉय, फजर अली, दीपेंदु बनर्जी और डॉक्टर मणींद्रनाथ पाल शामिल थे। इनमें से कुछ पीड़ितों को 15 से 20 लाख रुपये तक की बड़ी राशि वापस मिली, जिसके बाद उन्होंने पुलिस प्रशासन का आभार व्यक्त किया। एसपी ने स्पष्ट किया कि केवल कानूनी कार्रवाई पर्याप्त नहीं है, बल्कि साइबर जागरूकता सबसे बड़ा हथियार है। इस वर्ष जिले में 53 जागरूकता अभियान चलाए गए। नए साल में पुलिस का ध्यान वित्तीय रिकवरी की दर बढ़ाने और आम लोगों को 'डिजिटल अरेस्ट' या 'ऑनलाइन फ्रॉड' जैसे खतरों के प्रति सचेत करने पर रहेगा।

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