बारासात : रात के अंधेरे में दुकानों पर चला बुलडोजर

जमीन मालिक पर बिना सूचना तोड़फोड़ का आरोप
Barasat: Bulldozers demolished shops in the darkness of the night.
बुलडोजर से रातोंरात तोड़ डाली गयीं दुकानें
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निधि, सन्मार्ग संवाददाता

बारासात : बारासात के दत्तोपुकुर बामनगाछी चौमाथा संलग्न इलाके में रात के सन्नाटे में दुकानों पर बुलडोजर चलाए जाने की घटना से भारी तनाव फैल गया है। दुकानदारों का आरोप है कि उन्हें बिना किसी पूर्व सूचना या चर्चा के उजाड़ दिया गया, जबकि जमीन मालिक का दावा है कि कई बार की बैठकों के बाद ही यह कदम उठाया गया है।

दुकानदारों का आरोप, "नहीं मिला सामान हटाने का मौका"

प्रभावित दुकानदारों के अनुसार, बामनगाछी सिकदेस पुकुरिया के निवासी साकिब रहमान ने, जो वर्तमान में उस जमीन के मालिक हैं, रात के अंधेरे में अचानक बुलडोजर (JCB) भेजकर दुकानों को ध्वस्त करना शुरू कर दिया। दुकानदारों का कहना है कि साकिब रहमान ने इस संबंध में उनसे कोई बातचीत नहीं की थी। दुकान मालिकों ने नाराजगी जताते हुए कहा, "यदि जमीन मालिक एक बार भी हमसे चर्चा करते, तो हम स्वयं अपनी दुकानें वहां से हटा लेते और हमें अपना कीमती सामान सुरक्षित निकालने का अवसर मिल जाता। लेकिन बिना किसी नोटिस के इस तरह की कार्रवाई तानाशाही है।" इस घटना के विरोध में पीड़ित दुकानदारों ने दत्तोपुकुर थाने में साकिब रहमान के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज कराई है और उनके विरुद्ध सख्त प्रशासनिक कार्रवाई की मांग की है।

जमीन मालिक का पक्ष "भीड़भाड़ से बचने के लिए रात में की कार्रवाई"

दूसरी ओर साकिब रहमान के परिवार के सदस्यों ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। उनका दावा है कि दुकानदारों के साथ पहले कई दौर की बैठकें हो चुकी थीं। परिजनों का कहना है कि दुकानदारों को जमीन खाली करने की जानकारी थी और इसी कारण कई दुकानदारों ने पहले ही अपनी दुकानों के अंदर का सामान हटा लिया था। परिजनों ने रात में बुलडोजर चलाने के पीछे का तर्क देते हुए कहा, "बामनगाछी चौमाथा एक अत्यंत व्यस्त इलाका है। दिन के समय यहां भारी यातायात रहता है। यदि हम दिन में यह काम करते, तो सड़क पर भीषण जाम लग सकता था और आम जनता को परेशानी होती। इसीलिए जनहित और यातायात व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए रात का समय चुना गया। घटना की जानकारी मिलते ही दत्तोपुकुर थाने की पुलिस मौके पर पहुंची। फिलहाल पुलिस दोनों पक्षों के दावों की जांच कर रही है। इलाके में तनाव को देखते हुए पुलिस की गश्त बढ़ा दी गई है। दुकानदार अब मुआवजे और न्याय की मांग पर अड़े हुए हैं, जबकि जमीन मालिक पक्ष इसे अपनी निजी संपत्ति को खाली कराने की एक वैध प्रक्रिया बता रहा है।

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