सन्मार्ग संवाददाता
बारासात : दिव्यांग किशोरी से बलात्कार करने के जुर्म में बारासात कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। पीड़िता के पिता ने अभियुक्त के विरुद्ध साल 2022 के जून के अंत में हाबरा थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। करीब तीन साल तक चली सुनवाई के बाद मंगलवार को बारासात पोक्सो कोर्ट ने अभियुक्त सुजन दे (50) को दोषी करार देने के बाद आजीवन कारावास की सजा सुनायी। कोर्ट सूत्रों के मुताबिक सुजन पीड़िता के घर में किराएदार के तौर पर रहता था। वह किशोरी सुजन को चाचा कहती थी। चूंकि नाबालिग डाउन सिंड्रोम से पीड़ित थी, इसलिए वह शारीरिक और बौद्धिक रूप से दिव्यांग है। इसका फायदा उठाकर किराएदार सुजन जब घर पर कोई नहीं होता था तब पीड़िता से दुष्कर्म करता था। सुजन ने पीड़िता को किसी को न बताने की धमकी भी दी थी। कई बार अभियुक्त के शोषण से डरकर आखिरकार पीड़िता ने परिवारवालों को पूरी बात बतायी। इसके बाद ही हाबरा थाने में शिकायत दर्ज कराई गई जिसके आधार पर अभियुक्त को गिरफ्तार कर लिया गया। इस मामले में जांच करने वाले पुलिस अधिकारी रामकृष्ण गुड़िया थे। मामले की सुनवाई बारासात के पोक्सो कोर्ट में हुई। जज ने पिछले सोमवार को सुजन को दोषी करार दिया था और मंगलवार को उसे सजा सुनायी। मामले में बारासात कोर्ट के सरकारी वकील श्यामलकांति दत्ता ने बताया कि करीब 30 लोगों की गवाही और सबूतों के आधार पर सुजन को आजीवन कारावास और पचास हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है।