अधिकारियों की पोशाक में चोरी करने वाले गिरोह की खुली पोल, 3 गिरफ्तार

बारासात के सासन थाने में दर्ज करवायी गयी थी शिकायत
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सन्मार्ग संवाददाता

बारासात: पीएचई पाइप को दूसरे स्थान पर पहुंचाने को लेकर एक संस्था को दिये गये काम की आड़ में उसी कपंनी के नकली अधिकारी बनकर सरकारी पाइप को चोरी कर बेच देने के आरोप में बारासात के सासन थाने की पुलिस ने 3 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। बताया गया है कि ये चोर अधिकारियों की तरह ही अच्छे कपड़े पहनकर आते थे और इस काम में लगी संस्था के कर्मी भी उनकी मदद करते थे। कंपनी के कर्मचारियों को इस बात का अंदाजा नहीं था कि वे चोरी में सहयोग कर रहे हैं। आखिरकार चोरों की पोल खुल गयी। अभियुक्तों से हुई पूछताछ में पुलिस को पता चला कि वे चोरों के एक गिरोह के ही सदस्य हैं जो इलाकों में घूमकर सबसे पहले रेकी करके यह पता लगाते थे कि पीएचई पाइप लंबे समय से कहां पड़े हैं और फिर वे इसके खरीददार ढूंढ़ते थे। फिर वे खुद को ट्रांसपोर्ट कंपनी का अधिकारी बताकर उक्त कंपनी के नाम पर उन लोहे के पाइप को लोड करवाकर उसे खरीददारों को बेच देते थे। सासन के सांडालिया इलाके में सौ से अधिक पीएचई के पाइप चोरी होने की शिकायत अप्रैल के अंत में दर्ज की गई थी जिसकी अनुमानित कीमत 7 से 8 लाख रुपये है। बताया गया है कि संस्था के नाम से वे पाइप लोड किये गये थे जबकि संस्था का किसी अधिकारी ने यह काम नहीं करवाया था जिस पर ही गड़बड़ी की आशंका जतायी गयी थी। मिली शिकायत पर सासन थाने की पुलिस ने जाल बिछाकर मई के मध्य में सबसे पहले बारासात निवासी राजू घोष और संजीव राहा को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार किए गए व्यक्ति गिरोह के लिए पाइपों की लोडिंग और अनलोडिंग की निगरानी के लिए जिम्मेदार थे। अभियुक्तों से पूछताछ के बाद पुलिस को अभिजीत कुमार के नाम का पता चला जो कि अधिकारी बनकर यह काम करवाने पहुंचता था। पुलिस ने अभियुक्त को गुरुवार को गिरफ्तार कर शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया। अभिजीत मुख्य रूप से हावड़ा का रहने वाला है और बारासात में किराए पर रहता था। अभिजीत मूल रूप से एक ट्रांसपोर्ट कंपनी से चोरी का माल दूसरे वाहन में लोड कराकर बिक्री स्थल पर उतारने का काम करता था। पुलिस सूत्रों ने बताया कि उसके पास से चोरी की बड़ी रकम बरामद हुई है। जांचकर्ताओं का प्रारंभिक अनुमान है कि इस प्रकार की चोरी करने वाला गिरोह मुख्य रूप से कोलकाता के निकट वाले इलाकों में सक्रिय था। हालांकि, गिरोह के सरगना समेत कई अन्य लोग अब भी फरार हैं। इस बारे में बारासात जिले की पुलिस अधीक्षक प्रतीक्षा झारखरिया ने कहा, "यह एक संगठित अपराध है। जांच जारी है। इसलिए, अधिक कुछ कहना संभव नहीं है। गिरोह के सरगना और बाकी लोगों की तलाश जारी है।

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