सरकार और आरबीआई का बड़ा कदम- तीन समूहों में पुनर्गठित होंगे सरकारी बैंक
केडी पार्थ, सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : भारत के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में बड़े बदलाव की तैयारी है। केंद्र सरकार और रिज़र्व बैंक ने एक ऐसी नई बैंकिंग संरचना योजना पेश की है जो देश की वित्तीय व्यवस्था को तीन शक्तिशाली समूहों में संगठित करेगी। इस कदम से बैंकिंग प्रणाली में कार्यकुशलता, प्रतिस्पर्धा और स्थिरता बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में बड़े बदलाव की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए केंद्र सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSBs) के पुनर्गठन की नई योजना की घोषणा की है। इस योजना के तहत देश के सभी सरकारी बैंकों को तीन बड़े समूहों में पुनर्गठित किया जाएगा। इसका उद्देश्य बैंकिंग प्रणाली को और अधिक सशक्त, प्रतिस्पर्धी और कुशल बनाना है, ताकि देश की अर्थव्यवस्था को स्थिर वित्तीय आधार मिल सके। इस योजना का उद्देश्य बैंकिंग प्रणाली को सशक्त, आधुनिक और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के अनुरूप बनाना है।
1. एसबीआई ग्रुप: सबसे बड़ा राष्ट्रीय बैंकिंग नेटवर्क
इस समूह में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के साथ बैंक ऑफ महाराष्ट्र , यूको बैंक और पंजाब एंड सिंध बैंक को शामिल किया गया है। यह समूह देश का सबसे बड़ा बैंकिंग नेटवर्क बनेगा, जिसका फोकस ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में डिजिटल बैंकिंग , वित्तीय समावेशन और ऋण वितरण को मजबूत करना होगा।
2. केनरा बैंक ग्रुप : एमएसएमई और कृषि क्षेत्र पर फोकस
दूसरा समूह केनरा बैंक ग्रुप होगा, जिसमें केनरा बैंक , यूनियन बैंक ऑफ इंडिया , इंडियन बैंक और बैंक ऑफ इंडिया शामिल हैं। यह समूह मुख्य रूप से एमएसएमई , कृषि ऋण , निर्यात क्षेत्र और सूक्ष्म उद्यमों के वित्तपोषण पर केंद्रित रहेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे दक्षिण और पश्चिम भारत के बैंकिंग नेटवर्क को नई मजबूती मिलेगी।
3. पीएनबी ग्रुप : खुदरा और विदेशी व्यापार का नेतृत्व
तीसरा समूह पीएनबी ग्रुप के रूप में बनेगा, जिसमें पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के साथ बैंक ऑफ बड़ौदा , सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक को शामिल किया गया है। यह समूह खुदरा बैंकिंग , आवास ऋण और विदेशी व्यापार से जुड़े वित्तीय कार्यों में अग्रणी भूमिका निभाएगा। उत्तरी और पूर्वी भारत में इस समूह को रणनीतिक बढ़त मिलने की उम्मीद है।
बैंकिंग क्षेत्र में 2019 के बाद सबसे बड़ा सुधार
सरकार का मानना है कि इस कदम से पूंजी आधार मजबूत होगा, एनपीए (NPA) पर नियंत्रण बढ़ेगा और डिजिटल सेवाओं का एकीकरण सुनिश्चित होगा। विशेषज्ञ इसे 2019 के बैंक विलय के बाद भारतीय बैंकिंग क्षेत्र का सबसे बड़ा सुधार मान रहे हैं।
आर्थिक स्थिरता और वैश्विक प्रतिस्पर्धा की दिशा में कदम
नई बैंकिंग संरचना योजना से न केवल सरकारी बैंकों की कार्यक्षमता और लाभप्रदता बढ़ेगी, बल्कि भारतीय बैंकिंग प्रणाली को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में टिके रहने की नई ऊर्जा भी मिलेगी।
पुनर्गठन का उद्देश्य और क्रियान्वयन योजना
सरकारी सूत्रों के अनुसार, इस पुनर्गठन योजना का विस्तृत कार्यान्वयन रोडमैप तैयार किया जा चुका है। वित्त मंत्रालय और आरबीआई की संयुक्त टीम परिसंपत्तियों के एकीकरण , संचालन संरचना और मानव संसाधन प्रबंधन को चरणबद्ध तरीके से लागू करेगी।

