बांग्लादेशी घुसपैठिए की चौंकाने वाली जालसाजी: सास-ससुर को बनाया माता-पिता

वोटर कार्ड में हेरफेर !
Bangladeshi intruder commits shocking fraud: pretends to be his parents
सांकेतिक फोटो
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निधि, सन्मार्ग संवाददाता

बशीरहाट: पश्चिम बंगाल के बशीरहाट जिले के हिंगलगंज इलाके से एक बांग्लादेशी घुसपैठिए द्वारा भारतीय नागरिकता और पहचान पत्र हासिल करने के लिए किए गए चौंकाने वाले और संगीन जालसाजी का मामला सामने आया है। यह घटना ऐसे समय में उजागर हुई है जब राज्य में एसआईआर (स्पेशल इनिशिएटिव फॉर रेक्टिफिकेशन) यानी मतदाता सूची शुद्धिकरण का माहौल है, जिसने इलाके में हड़कंप मचा दिया है।

अवैध घुसपैठ और प्रेम विवाह

आरोपी व्यक्ति की पहचान मूल रूप से बांग्लादेश के सातखीरा जिले के निवासी राशिदुल गाजी के रूप में हुई है। आरोप है कि राशिदुल गाजी ने वर्ष 2012 में अवैध तरीके से अंतरराष्ट्रीय सीमा पार की और गैर-कानूनी ढंग से भारत में प्रवेश किया। भारत आने के बाद वह काम के सिलसिले में तमिलनाडु चला गया। वहीं उसकी मुलाकात हिंगलगंज की निवासी रूमेशा नामक एक महिला से हुई। दोनों के बीच प्रेम संबंध बने और उन्होंने बाद में शादी कर ली।

पहचान पत्र के लिए दोहराई जालसाजी

शादी के बाद, भारत में स्थायी रूप से रहने और कानूनी पहचान बनाने के लिए राशिदुल को पहचान पत्र की सख्त आवश्यकता पड़ी। आरोप है कि इसी आवश्यकता को पूरा करने के लिए उसने सुनियोजित तरीके से जालसाजी का सहारा लिया।

  1. नाम परिवर्तन: सबसे पहले, राशिदुल ने अवैध तरीके से अपने मूल नाम को बदलकर अब्दुल गाजी करवा लिया, ताकि उसकी बांग्लादेशी पहचान छिप जाए।

  2. वोटर कार्ड में हेरफेर: पहचान छिपाने की इस कड़ी में सबसे बड़ी जालसाजी सामने आई। आरोप है कि वोटर कार्ड बनवाते समय अब्दुल गाजी (राशिदुल) ने अपने ससुर को अपना पिता और अपनी सास को अपनी माता बताकर उनके नाम दर्ज करवा दिए। इस तरह, उसने अपने विवाह संबंधों का लाभ उठाकर स्वयं को हिंगलगंज के परिवार का बेटा साबित करने की कोशिश की।

  3. मतदाता सूची में शामिल: इन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर, यह भी आरोप है कि वह सफलतापूर्वक हिंगलगंज के पश्चिमपाड़ा के 208 नंबर बूथ की मतदाता सूची में अपना नाम शामिल करवाने में कामयाब रहा।

एसआईआर के माहौल में खुलासा

यह गंभीर मामला तब उजागर हुआ जब राज्य में मतदाता सूची को शुद्ध करने की प्रक्रिया यानी एसआईआर (SIR) का माहौल गरमाया हुआ है। इस प्रक्रिया ने अधिकारियों और स्थानीय लोगों को वोटर कार्डों की गहन जांच करने के लिए प्रेरित किया, जिससे अब्दुल गाजी (राशिदुल) की यह जालसाजी सामने आ गई। मामला सामने आते ही इलाके में हड़कंप मच गया है और स्थानीय लोग अवैध घुसपैठियों के इस प्रकार पहचान पत्र हासिल करने पर चिंता व्यक्त कर रहे हैं।

फिलहाल, पुलिस ने इस गंभीर मामले में जांच पड़ताल शुरू कर दी है। पुलिस ने आरोपी अब्दुल गाजी और उसके परिवारवालों से सघन पूछताछ शुरू कर दी है ताकि यह पता लगाया जा सके कि इस जालसाजी में और कौन-कौन शामिल थे और क्या इसी तरह से अन्य घुसपैठियों ने भी फर्जी दस्तावेज हासिल किए हैं। इस मामले में दोषी पाए जाने पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की उम्मीद है।

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