

ढाकाः बांग्लादेश में पिछले साल तत्कालीन सरकार को गिराने वाले हिंसक विद्रोह के मुख्य नेता महफूज आलम ने रविवार को नेशनल सिटिजन पार्टी (एनसीपी) से खुद को अलग कर लिया, क्योंकि पार्टी के नेताओं ने जमात-ए-इस्लामी के साथ चुनावी गठबंधन करने के लिए कदम उठाया था।
सोशल मीडिया मंच ‘फेसबुक’ पर पोस्ट में आलम ने खुद के ‘एनसीपी से जुड़े’ होने से इनकार कर दिया। पार्टी में गठबंधन के मुद्दे पर विवाद के कारण 30 वरिष्ठ नेताओं ने इस रुख का विरोध करते हुए हस्ताक्षरित एक पत्र जारी किया है और दो शीर्ष नेताओं ने अपने इस्तीफे की घोषणा की। ‘स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन’ (एसएडी) के बैनर तले पिछले वर्ष हिंसक आंदोलन हुआ था, जिसे ‘जुलाई विद्रोह’ कहा जाता है और इससे एक बड़ा राजनीतिक दल इस साल फरवरी में अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस के समर्थन में एनसीपी के रूप में उभरा।
यूनुस सरकार में सलाहकार थे आलम
आलम ने प्रभावी रूप से एक मंत्री के समान-सूचना और प्रसारण सलाहकार के रूप में कार्य किया और बांग्लादेश के 13वें संसदीय चुनावों के कार्यक्रम की निर्वाचन आयोग द्वारा 11 दिसंबर को घोषणा किए जाने से ठीक पहले उन्होंने इस जिम्मेदारी से इस्तीफा दे दिया। ऐसी अटकलें थीं कि वह चुनावों के लिए एक मजबूत दावेदार हो सकते हैं।
आलम ने लिखा, ‘‘मौजूदा हालातों को देखते हुए जुलाई के मेरे साथियों के प्रति मेरा सम्मान, स्नेह और मित्रता कम नहीं होगी। लेकिन मैं अब आगे एनसीपी से जुड़ा नहीं हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह सच नहीं है कि मुझे जमात-एनसीपी गठबंधन से कोई प्रस्ताव मिला था, लेकिन ढाका के किसी भी निर्वाचन क्षेत्र से जमात-एनसीपी गठबंधन का उम्मीदवार बनने की तुलना में अपनी लंबे समय से चली आ रही स्थिति को बनाए रखना मेरे लिए अधिक महत्वपूर्ण है।’’
उनकी यह पोस्ट ऐसे समय में आई है जब एनसीपी संयोजक नाहिद इस्लाम द्वारा कुछ घंटों पहले यह घोषणा की गई थी कि उन्होंने चुनावों से पहले व्यापक राजनीतिक एकता की दिशा में जमात-ए-इस्लामी के नेतृत्व वाले गठबंधन में शामिल होने का फैसला लिया है।