Balasore Train Accident : लौटे तो, मगर अस्पताल बन गया अस्थायी घर

Balasore Train Accident : लौटे तो, मगर अस्पताल बन गया अस्थायी घर
Published on

दुर्घटना के साथ ही गर्म पानी से लेकर खाना तक गिर गया पूरे शरीर पर

लाशों के बीच बिताये एक दिन, शवों को देखकर पड़ जा रही थी सिहरन

सन्मार्ग संवाददाता

हावड़ा : ओडिशा में हुए दर्दनाक हादसे के बाद जिन्होंने दूसरी जिदंगी पायी है, उनका घर अब अस्पताल बना हुआ है। दरअसल वे अपने घर तो लौटे हैं मगर अभी अस्थायी ठिकाना अस्पताल का कमरा बना हुआ है। दरअसल बंगाल के 100 से ज्यादा लोग वापस अपने इलाके में लौट तो आये हैं मगर उनकी हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। हम यहां बात कर रहे हैं सांकराइल के रहनेवाले शाहिद मल्लिक की जो तमिलनाडु के कट्टपट्टी में जरी का काम करता है। शाहिद नलपुर के रहनेवाले शेख मुन्ना के साथ ही कार्यरत था। मुन्ना की इस दुर्घटना में मौत हो गयी। वहीं दोस्त की मौत के गम से शाहिद निकल ही नहीं पा रहा है। यह सोचकर ही उसकी हालत खराब होती जा रही है। वह फिलहाल पांचला के गड़बेड़िया स्टेट जनरल अस्पताल में इलाजरत है। अब इस घटना के बाद वह वापस अपने काम पर नहीं लौटना चाहता है। वहीं दूसरी ओर पेट की भूख ने घर छोड़ने के लिए मजबूर किया था लेकिन पता नहीं था कि लाशों के बीच भी जिदंगी बितानी होगी। दरअसल गत शुक्रवार को घटी ट्रेन दुर्घटना ने उससे जुड़े हर किसी की जिदंगी को बदल कर रख दिया। कोरोमंडल एक्सप्रेस के एक अन्य यात्री व पेशे से श्रमिक लालू दास फिलहाल उलूबेड़िया अस्पताल में इलाजरत है, मगर उसे ओडिशा के भद्रक अस्पताल से हावड़ा लाया गया परंतु गत शुक्रवार की घटी भयावह घटना उसकी आंखों के सामने से हटने का नाम नहीं ले रही है। लालू पिछले 15 सालों से भद्रक में मजदूरी का काम करता है। वह छुट्टी पर था और उलूबेड़िया के घर से भद्रक काम पर जा रहा था लेकिन इसके पहले हुई ट्रेन दुर्घटना ने उनकी जिदंगी को उथल-पुथल कर दिया। शाम को अचानक ट्रेन की बोगी पलट गयी और लालू बेहोश हो गया। वापस जब होश आया तो अपने को लाशाें के बीच पाया। अपनी व्यथा को बताते हुए लालू ने कहा कि वह अचानक जब होश मेें आया तो देखा कि उसके चारों ओर खून से लथपथ शव थे। इसे देखते ही लालू के होश फाकता हो गये। एक दिन लाशों के बीच बिताने के बाद उसे अस्पताल के जनरल वार्ड में शिफ्ट किया गया और वहां से उलूबेड़िया लाया गया, परंतु घर आकर भी वह अस्पताल में ही जिदंगी बिता रहा है। तीसरी घटना हावड़ा अस्पताल की है जहां पर बाकसाड़ा के रहनेवाले कुमार राय बर्न यूनिट में इलाजरत हैं। कुमार करीब 40 प्रतिशत जल चुके हैं।

संबंधित समाचार

No stories found.

कोलकाता सिटी

No stories found.

खेल

No stories found.
logo
Sanmarg Hindi daily
sanmarg.in