Balasore Train Accident : शवाें के ढेर में बेटा निकला जिंदा…

Balasore Train Accident : शवाें के ढेर में बेटा निकला जिंदा…

Published on

सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता : बालासोर दर्दनाक ट्रेन दुर्घटना में 275 लोग मारे गए और 1200 से ज्यादा लोग घायल हो गए। रोते बिलखते लोग अपनों की तलाश में बलासोर के अस्पतालों में चक्कर काट रहे हैं। इतने शव है तथा जिस हालत में हैं, उसमें अपने की पहचान करना बहुत मुश्किल हो रहा है। पीड़ित परिवारों की मानसिक वेदना को शब्दों में बयां करना मुश्किल हो रहा है। ऐसे ही एक पिता जो हावड़ा के निवासी है वह अपने बेटे की तलाश में बलासोर के कई अस्पतालों में पहुंचा। दुकानदार हेलाराम के साथ उनका एक रिश्तेदार भी था। बताया जाता है कि जिस दिय यह हादसा हुआ उस दिन उसने अपने बेटे को फोन किया था और सिर्फ जवाब में इतना मिला कि वह जिंदा है मगर खूब चोंटे आयी है। यह जानते ही पिता उसकी तलाश में निकल पड़ा। जब किसी भी अस्पताल में उसके बेटे का पता नहीं चला तो कुछ लोगों ने उसे वहां जाने के लिए सलाह दी जहां शवों को रखा गया है। यह सुनकर पिता का दिल यह मानने को तैयार नहीं था फिर भी उसने हिम्मत नहीं हारी। वहां शवों को खुद से देखने की इजाजत नहीं थी। किसी एक ने देखा कि उन शवों में किसी एक का दा​हिना हाथ हिल रहा है। इससे हंगामा मच गया। पिता ने देखा कि उसका बेटा ही है। उसे तुरंत वहां के अस्पताल में ले जाया गया। वहां प्राथमिक इलाज के बाद एक बांड पर हस्ताक्षर करवाकर यहां एसएसकेएम लाया गया है जहां उसका इलाज चल रहा है।

logo
Sanmarg Hindi daily
sanmarg.in