

सन्मार्ग संवाददाता
श्री विजयपुरम : अंडमान और निकोबार माकपा राज्य आयोजन समिति के सचिव डी. अय्यप्पन ने भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार के खिलाफ जमकर हमला बोला। उन्होंने भाजपा पर पूरे देश के साथ ही द्वीप समूह में "ग्यारह साल की विफलता" का आरोप लगाया।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए अय्यप्पन ने केंद्र पर भ्रष्टाचार को बढ़ाने, सांप्रदायिक सद्भाव को खत्म करने और बिजली से लेकर स्वास्थ्य सेवा तक आवश्यक सेवाओं में गिरावट का आरोप लगाया। अपनी टिप्पणी की शुरुआत करते हुए अय्यप्पन ने दावा किया कि संघ परिवार से जुड़े तत्व द्वीपसमूह के लंबे समय से चले आ रहे सांप्रदायिक सद्भाव को बाधित करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अंडमान और निकोबार हर धर्म और भाषा का घर है। किसी को भी हमारे लोगों को विभाजित करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने निवासियों से सांप्रदायिक अपीलों को अस्वीकार करने का आग्रह किया। उन्होंने चेतावनी दी कि शक्तिशाली ताकतें ऐतिहासिक रूप से शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के लिए जाने जाने वाले क्षेत्र में अविश्वास का बीज बो रही हैं। सीपीआई नेता ने अपनी ब्रीफिंग का एक बड़ा हिस्सा अंडमान और निकोबार राज्य सहकारी बैंक में चल रही जांच को समर्पित किया। जांच को आधे-अधूरे मन से बताते हुए उन्होंने तर्क दिया कि स्थानीय आईएएस के नेतृत्व वाली जांच कभी भी गलत कामों के पूरे पैमाने को उजागर नहीं कर पाएगी। अय्यप्पन ने प्रवर्तन निदेशालय या केंद्रीय जांच ब्यूरो से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि बैंक की गैर-निष्पादित संपत्तियां 17 दक्षिण अंडमान शाखाओं में 430 करोड़ रुपये से अधिक हो गई हैं। अय्यप्पन ने आरोप लगाया कि पिछले एक दशक में द्वीप समूह के प्रशासन का लगभग हर क्षेत्र खराब हो गया है। उन्होंने कहा कि बिजली विभाग में बार-बार बिजली गुल होने से यह साबित होता है कि मात्र 250,000 की आबादी को अब भी भरोसेमंद बिजली नहीं दी जा सकती। उन्होंने कहा कि पानी की कमी भी उतनी ही भयावह है, कई इलाकों में हर चार या पांच दिन में जलापूर्ति हो रही है।