Delhi Election 2025: अरविंद केजरीवाल को क्यों याद आया, वो बनिया हैं?

केजरीवाल का बनिया कार्ड: क्या 2025 के चुनाव में आएगा काम?
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नई दिल्ली: 'बनिया का बेटा हूं, हिसाब लगाकर घोषणा करता हूं...' दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री व आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल अक्सर ही ये बाते अब खुले मंच से बोलते नजर आ रहे हैं। अब सवाल ये है कि आखिर क्यों केजरीवाल जब भी चुनावों में जाते हैं तो उन्हें अपनी जाति की याद आ जाती है। क्या उन्हें लगता है कि वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टक्कर देने के लिए बनिया का बेटा हूं ये बाते कहकर वो ओबीसी समाज को अपनी ओर आकर्षित करना चाहते हैं या वो ये साबित करना चाहते हैं कि एक बनिये को दूसरा बनिया ही राजनीतिक तौर पर रोक सकता है।

दरअसल दिल्ली चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस ने पूरी ताकत लगा दी है। सभी पार्टियां खासकर महिला वोटर्स को लुभाने के लिए पैसा बांटने से लेकर कई तरह की मुफ्त योजनाओं से लाभ देने का दावा कर रहे हैं। इसी बीच कांग्रेस, बीजेपी के बाद अब आम आदमी पार्टी ने भी सोमवार को अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया।

AAP के मेनिफेस्टो में कई वादें

अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने अपने मेनिफेस्टो में रोजगार, महिला सम्मान योजना, संजीवनी योजना, पानी की गलत बिल माफ करना, 24 घंटे पानी और बिजली, यमुना को साफ करने की, दिल्ली की सड़क विश्वस्तर बनाने की, दलित बच्चों को विदेश में पढ़ाने की, पुजारी ग्रंथी योजना लागू करने की, किरायेदारों को बिजली माफ करने की, सीवर सही करने की, ऑटो चालकों और ई रिक्शा चालकों की बेटी की शादी के लिए एक लाख रुपये देने की घोषणा की है।

15 गारंटी योजना का किया ऐलान

वहीं आम आदमी पार्टी ने बच्चों के लिए मुफ्त शिक्षा, मुफ्त इलाज, पानी और बिजली के सब्सिडी में इजाफा, बुजुर्गों के लिए मुफ्त तीर्थ यात्रा के साथ-साथ महिलाओं को 2100 रुपये मासिक सम्मान राशि बढ़ाने का ऐलान किया गया है। साथ ही आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने 6 रेवड़ियों के अलावा दिल्ली की जनता को 15 और नई गारंटियों का ऐलान कर दिया है।

केजरीवाल ने कहा कि साल 2014 में भी जब बिजली और पानी मुफ्त करेंगे तो लोग पूछते थे कि पैसा कहां से आएगा? लेकिन, मुफ्त शिक्षा, मुफ्त बिजली, मुफ्त तीर्थयात्रा, महिलाओं को मुफ्त परिवहन, मुफ्त इलाज की व्यवस्था दिल्ली में लागू करके मैंने दिखाया। अब भाजपा बताए कि जिस राज्य में उनकी सरकार है वो वहां पर किये वादे को पूरा नहीं कर पाए हैं तो दिल्ली में कैसे करेंगे?

केजरीवाल ने दिल्ली चुनाव में क्यों खेला जाति कार्ड?

वैसे तो केजरीवाल ने जब से राजनीति में एंट्री की है तभी से वो बीजेपी और कांग्रेस पार्टी के बड़े नेताओं पर सीधा निशाना तान कर लाइम लाइट बटोरने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। लेकिन, इस बार अरविंद केजरीवाल के खिलाफ बीजेपी ने भी जबरदस्त तरीके से मोर्चा खोल दिया है। इसी का नतीजा है कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में वोट बैंक को साधने के लिए बनिया वाला कार्ड भी खेला है।

इन वोटरों की संख्या है अच्छी-खासी

क्योंकि, दिल्ली में बनिया वोटरों की संख्या अच्छी खासी है। वहीं दिल्ली में बनिया वोटरों के अलावा पूर्वांचली, पंजाबी और स्लम में रहने वाले वोटरों पर भी नजर है। आपको बता दें कि दिल्ली में टोटल वोट बैंक में से महिला और बुजुर्ग मतदाताओं की संख्या करीब 60 प्रतिशत है। इसी से अंदाजा लगा सकते हैं कि बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने क्यों महिला और बुजुर्ग मतदाताओं के लिए राज्य का खजाना खोलने का वादा किया है।

दिल्ली में है त्रिकोणीय मुकाबला

हर बार दिल्ली में दो बड़े पार्टियों का सीधा मुकाबला होता था लेकिन इस बार दिल्ली में आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रही है। दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 5 फरवरी को वोट डाले जाएंगे और नतीजे 8 फरवरी को घोषित किए जांएगे। अब जहां बीजेपी ने अमित शाह के साथ-साथ बीजेपी के 40 स्टार प्रचारकों को दिल्ली के मैदान में उतारा है तो वहीं अरविंद केजरीवाल ने मुफ्त योजनाओं और जाति का कार्ड खेलकर नहले पर दहला मारा है।

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