अरुणाचल के वेस्ट कामेंग जिले के ग्वांथांग में देखा गया लाल पांडा

arunachal_Red_Panda
दुर्लभ लाल पांडा (ऐलुरस फुल्गेंस)
Published on

ग्वांथांग : तुकपेन सामुदायिक अभ्यारण्य के संरक्षण प्रयासों के फलस्वरूप पश्चिमी कामेंग जिले के रूपा और थोंगरे गांव के बीच स्थित ग्वांथांग में पहली बार एक दुर्लभ लाल पांडा (ऐलुरस फुल्गेंस) देखा गया। तुकपेन कम्युनिटी रिजर्व (टीसीआर) के अध्यक्ष दोरजी फुंत्सो थोंगडोक और सचिव दोरजी खांडू ख्रीमे ने इस लुप्तप्राय प्रजाति के देखे जाने से उत्साहित होकर स्थिति पर नजर रखने के लिए शेरगांव वन प्रभाग के साथ तुरंत समन्वय स्थापित किया। उन्होंने ग्रामीणों के बीच जानवर की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उसे किसी भी तरह के मानवीय हस्तक्षेप से बचाने के लिए संदेश प्रसारित किये।

टीसीआर सुरक्षा दस्ते ने देखा सबसे पहले

एक स्थानीय निवासी नेतेन दोरजी थोंगडोक, जिन्होंने टीसीआर सुरक्षा दस्ते के साथ लाल पांडा को देखा, ने तुरंत समुदाय को सूचित किया। ‘ईगलनेस्ट वन्यजीव अभयारण्य’ के वन रेंज अधिकारी याचांग कानी ने बताया कि लाल पांडा आमतौर पर अभयारण्य की ऊंची चोटियों पर पाये जाते हैं। निचली चोटियों पर इस जानवर को देखना इस दृश्य को और भी सार्थक बनाता है। उन्होंने बताया कि यह अप्रत्याशित दृश्य टीसीआर और वन विभाग द्वारा अपनायी गयी बढ़ी हुई सतर्कता, जागरूकता और समुदाय-आधारित सुरक्षा उपायों के कारण है। यह दृश्य महत्वपूर्ण है और इस अभयारण्य द्वारा एक सुरक्षित आश्रय प्रदान किये जाने के कारण, भविष्य में इस तरह के दृश्य और भी आम हो सकते हैं।

सबको लुभाती है अरुणाचल की जैव विविधता

टीसीआर जिसे 11 दिसंबर, 2024 को अधिसूचित किया गया, में 14 गांवों की सामुदायिक भूमि शामिल है। अभयारण्य ने वन विभाग के सहयोग से अपने अधिकार क्षेत्र की निगरानी के लिए एक सुरक्षा दल तैनात किया है। स्थानीय विधायक त्सेतेन चोम्बे ने क्षेत्र की समृद्ध जैव विविधता के संरक्षण के लिए समुदाय की प्रतिबद्धता की सराहना की। उन्होंने आश्वासन दिया कि विभिन्न संरक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से तकनीकी और रसद सहायता प्रदान की जायेगी। उन्होंने संरक्षण जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय समुदायों के साथ सहयोग करने और लाल पांडा की आबादी की निगरानी में उन्हें शामिल करने का आह्वान किया।

संबंधित समाचार

No stories found.

कोलकाता सिटी

No stories found.

खेल

No stories found.
logo
Sanmarg Hindi daily
sanmarg.in