

सन्मार्ग संवाददाता
श्री विजयपुरम : श्री विजयपुरम के तट पर भारतीय तटरक्षक बल ने अंडमान एवं निकोबार कमांड के तत्वावधान में दो दिवसीय क्षेत्रीय स्तरीय प्रदूषण प्रतिक्रमण अभ्यास का सफलतापूर्वक आयोजन किया। इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य प्रमुख समुद्री प्रदूषण से निपटने की तैयारी को सुदृढ़ करना और अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह में समन्वित प्रतिक्रिया क्षमता को बढ़ाना था। अभ्यास के पहले दिन भाग लेने वाले विभिन्न हितधारकों द्वारा विस्तृत ब्रीफिंग दी गई, जिसमें उनकी भूमिकाओं, जिम्मेदारियों और तैयारी योजनाओं पर प्रकाश डाला गया। चर्चा राष्ट्रीय तेल रिसाव आपदा आकस्मिकता योजना के अंतर्गत प्रतिक्रिया ढांचे, संसाधनों की उपलब्धता और समन्वित कार्रवाई प्रणालियों पर केंद्रित रहीं। एक विस्तृत टेबल-टॉप अभ्यास भी आयोजित किया गया, जिसमें श्री विजयपुरम हार्बर के पास भारी तेल रिसाव की स्थिति का अनुकरण किया गया, ताकि नियंत्रित वातावरण में अंतर-एजेंसी संचार, निर्णय-निर्माण और समन्वय का आकलन किया जा सके। आज दूसरे दिन पूर्ण-स्तरीय समुद्री अभ्यास किया गया, जिसमें भारतीय तटरक्षक और भागीदार एजेंसियों की प्रदूषण प्रतिक्रिया क्षमताओं का प्रदर्शन किया गया। पीआर संरूप में तटरक्षक बल के अपतटीय गश्ती पोतों के साथ विभिन्न सतही प्लेटफॉर्म और विमान तैनात किए गए। सिम्युलेटेड तेल को नियंत्रित एवं पुनर्प्राप्त करने के लिए कंटेनमेंट बूम प्रभावी रूप से लगाए गए।
तटरक्षक डॉर्नियर विमान और चेतक हेलिकॉप्टरों ने स्प्रे पॉड का उपयोग करके तेल के प्रसार को रोकने की हवाई क्षमता का प्रदर्शन किया, जिसने परिचालन तत्परता और तकनीकी दक्षता की पुष्टि की। अभ्यास ने सभी प्रतिभागी हितधारकों के बीच मजबूत तालमेल को रेखांकित किया और समुद्री समुदाय के भीतर सहयोगात्मक संकल्प को सुदृढ़ किया। क्षेत्र की पारिस्थितिक संवेदनशीलता, सामरिक महत्व और व्यापक समुद्री गतिविधियों को देखते हुए ऐसे अभ्यास तत्परता सत्यापन, प्रक्रियाओं को परिष्कृत करने और सामूहिक क्षमता को मजबूत करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, ताकि नाजुक समुद्री पर्यावरण की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। भारतीय तटरक्षक क्षेत्र (अंडमान-निकोबार) ने एएनसी मुख्यालय के तत्वावधान में स्वच्छ, सुरक्षित और संरक्षित समुद्रों के प्रति अपनी अटल प्रतिबद्धता को दोहराया है, जो सतत प्रशिक्षण, क्षमता वृद्धि और बहु-एजेंसी सहयोग के माध्यम से जारी है।