

अबू धावी : अमेरिका की नई टैरिफ नीति के कारण अरब देशों पर गैर-तेल निर्यात को खतरा उत्पन्न हो गया है। संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग पश्चिमी एशिया (ईएससीडब्लूए) के अनुसार, अमेरिका में व्यापार संरक्षणवाद में आई तेज बढ़ोतरी अरब देशों की आर्थिक व्यवस्था पर भारी दबाव बढ़ा रही है, जिससे 22 अरब डॉलर मूल्य के गैर-तेल निर्यात को खतरा उत्पन्न हो गया है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, जॉर्डन सबसे कमजोर स्थिति में है, क्योंकि उसके लगभग एक चौथाई सामान अमेरिका को भेजे जाते हैं। बहरीन को भी चिह्नित किया गया है, क्योंकि वह अमेरिका को एल्युमीनियम और रासायनिक पदार्थों का निर्यात बहुत ज्यादा करता है। इस बीच, संयुक्त अरब अमीरात को लगभग 10 अरब डॉलर के अमेरिकी सामानों के फिर से निर्यात में रुकावट आ सकती हैं। ईएससीडब्ल्यूए ने यह चेतावनी दी है कि खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) की अर्थव्यवस्थाएं वैश्विक तेल कीमतों में तेज गिरावट के कारण बढ़ते वित्तीय तनाव का सामना कर रही हैं। ईएससीडब्ल्यूए ने आगे कहा, ‘गैर-जीसीसी देशों के लिए भी वित्तीय चुनौतियां और बढ़ सकती हैं। मिस्र, मोरक्को, जॉर्डन और ट्यूनीशिया को 2025 में वैश्विक बॉन्ड यील्ड में वृद्धि और निवेशकों की अनिश्चितता के कारण संप्रभु ब्याज भुगतान में सामूहिक रूप से 114 मिलियन डॉलर अतिरिक्त भुगतान करना पड़ सकता है। इस कारण राष्ट्रीय बजट पर दबाव बढ़ेगा और विकास पहलों में देर हो सकती है।’