‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पाक को संवेदनशील जानकारी देने वाला गिरफ्तार

आरोपी पाकिस्तान स्थित खालिस्तान समर्थक नेता गोपाल सिंह चावला के संपर्क में भी था
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पाक को संवेदनशील जानकारी देने वाला गिरफ्तार
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चंडीगढ़ : पंजाब के तरनतारन जिले के एक व्यक्ति को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान सेना की तैनाती और रणनीतिक स्थानों के बारे में संवेदनशील जानकारी पाकिस्तानी खुफिया एजेंटों के साथ साझा करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

वह कथित तौर पर पाकिस्तान स्थित खालिस्तान समर्थक नेता गोपाल सिंह चावला के संपर्क में भी था। पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि अभियुक्त की पहचान तरनतारन के मोहल्ला रोडूपुर, गली नजर सिंह वाली के निवासी गगनदीप सिंह उर्फ गगन के रूप में हुई है। उसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान सेना की गतिविधियों से संबंधित संवेदनशील जानकारी पाकिस्तानी खुफिया एजेंटों के साथ साझा करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने एक मोबाइल फोन भी बरामद किया, जिसमें जानकारी थी, जिसे अभियुक्त ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंटों (पीआईओ) के साथ साझा किया था।

पुलिस ने बताया कि गगनदीप कथित तौर पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के संपर्क में था और उसे संवेदनशील जानकारी देने के लिए पैसे भी मिले थे। उसे तरनतारन पुलिस और पुलिस की ‘काउंटर इंटेलिजेंस’ शाखा के संयुक्त अभियान में गिरफ्तार किया गया। डीजीपी ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘गिरफ्तार गगनदीप पाकिस्तान की आईएसआई और (पाकिस्तान स्थित खालिस्तानी समर्थक) गोपाल सिंह चावला के संपर्क में था और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान सेना की गतिविधियों से संबंधित संवेदनशील जानकारी साझा कर रहा था।’ जांच में पाया गया कि गगनदीप सैन्य तैनाती और रणनीतिक स्थानों सहित गोपनीय जानकारी साझा करने में संलिप्त था, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पैदा हो रहा था।

डीजीपी ने बताया कि गगनदीप पिछले पांच वर्षों से खालिस्तानी समर्थक गोपाल सिंह चावला के संपर्क में था, जिसके माध्यम से उसका परिचय पीआईओ से हुआ था। उन्होंने कहा कि उसने भारतीय सूत्रों के माध्यम से पीआईओ से पैसा भी प्राप्त किया। डीजीपी ने कहा कि उसके मोबाइल से 20 से अधिक आईएसआई एजेंटों के संपर्कों का विवरण भी मिला है। डीजीपी ने कहा कि अन्य संबंधों का पता लगाने और इस पूरे जासूसी नेटवर्क का पता लगाने के लिए गहन वित्तीय और तकनीकी जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि तरनतारन शहर थाने में सरकारी गोपनीयता अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है तथा आगे की जांच जारी है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत, भारतीय सशस्त्र बलों ने 6-7 मई की दरमियानी रात पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में 9 आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए थे, जिनमें बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ और मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा का ठिकाना भी शामिल था। यह हमला 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में किया गया था, जिसमें 26 लोगों की जान चली गयी थी। इससे पहले पुलिस ने पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में मलेरकोटला जिले से एक महिला सहित 6 लोगों को गिरफ्तार किया था।

फलकशेर मसीह और सूरज मसीह को अमृतसर के अजनाला से गिरफ्तार किया गया था और मलेरकोटला निवासी 31 वर्षीया महिला गजाला और यामीन मोहम्मद को भी पिछले महीने गिरफ्तार किया गया था। गजाला और यामीन गोपनीय जानकारी साझा करने के बदले ऑनलाइन पैसे प्राप्त कर रहे थे। गजाला पाकिस्तान उच्चायोग में तैनात एक पाकिस्तानी अधिकारी एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश के संपर्क में थी। 13 मई को भारत ने कथित तौर पर जासूसी में लिप्त होने के कारण दानिश को देश से निष्कासित कर दिया था। बाद में पुलिस ने गुरदासपुर से दो और लोगों -सुखप्रीत सिंह और करणबीर सिंह को पाकिस्तान की आईएसआई के साथ संवेदनशील सैन्य जानकारी साझा करने के आरोप में गिरफ्तार किया।

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