

सन्मार्ग संवाददाता
श्री विजयपुरम : अंडमान एंड निकोबार रोइंग एसोसिएशन ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर खेल विभाग की उपेक्षा और संसाधनों की भारी कमी पर गंभीर चिंता जताई। एसोसिएशन ने कहा कि द्वीपसमूह में खेल प्रतिभाएं तो हैं, लेकिन उनके पास न तो आधुनिक उपकरण हैं और न ही जरूरी सुविधाएं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में महासचिव और पूर्व कोच यसुदास ने बताया कि अंडमान की युवा खिलाड़ी अमृता मिंच वर्तमान में वियतनाम के हाई पोंग शहर में चल रही एशियन रोइंग चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व कर रही हैं, जो द्वीप के लिए गर्व की बात है। लेकिन दुर्भाग्यवश, स्थानीय रोइंग खिलाड़ियों को अब भी 1990 के दशक की जर्जर बोट्स से अभ्यास करना पड़ता है, जिससे उनकी तैयारी पर सीधा असर पड़ता है।
एसोसिएशन के अध्यक्ष टी.एस.जी. भास्कर ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि अंडमान बजट का केवल 0.25% हिस्सा खेलों और युवाओं पर खर्च किया जा रहा है। यह न केवल खिलाड़ियों के विकास में बाधा है, बल्कि यह सरकार की खेलों के प्रति उदासीनता भी दर्शाता है।
अमृता मिंच ने 2017 में मायाबंदर से रोइंग की शुरुआत की थी और अब तक कई राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेकर सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल जीत चुकी हैं। हाल ही में उन्होंने मार्च 2025 में भोपाल में आयोजित सीनियर नेशनल चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता, जिसके आधार पर उनका चयन भारतीय टीम में हुआ।
एसोसिएशन के सदस्यों ने प्रशासन से अपील की कि खिलाड़ियों को नए उपकरण, उचित प्रशिक्षण सुविधाएं और समय पर फंडिंग दी जाए, ताकि वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर द्वीपसमूह और देश का नाम रोशन कर सकें।
उन्होंने यह भी कहा कि खेल युवाओं को सही दिशा देता है, लेकिन आज की स्थिति यह है कि खिलाड़ी प्रशासनिक सहयोग के बिना केवल अपनी मेहनत से आगे बढ़ रहे हैं। अगर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया, तो कई प्रतिभाएं अंधकार में खो जाएंगी।
एसोसिएशन ने चेताया कि यदि प्रशासन ने खेलों को प्राथमिकता नहीं दी, तो भविष्य में इसका गंभीर असर पड़ेगा।