अंडमान व निकोबार सहकारी बैंक में घोटाले का आरोप, सोशल मीडिया पर हंगामा

अंडमान व निकोबार सहकारी बैंक में घोटाले का आरोप, सोशल मीडिया पर हंगामा
Munmun
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सन्मार्ग संवाददाता

श्री विजयपुरम : हैशटैग के तहत सोशल मीडिया पर अभियान चलाए जाने से अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह में राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है। अंडमान एवं निकोबार राज्य सहकारी बैंक (एएनएससीबी) में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन के आरोप लगाए गए हैं। यह अभियान, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर काफी लोकप्रिय हुआ, बैंक के नेतृत्व पर फर्जी गोल्ड लोन, जाली मूल्यांकन और बढ़ते गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) का हवाला देते हुए लगभग 950 करोड़ रुपये हड़पने का आरोप लगाया गया है। सूत्रों के अनुसार यह राशि 58% तक पहुंच गई है। सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने गहन जांच की मांग की है। उनका दावा है कि कांग्रेस नेता और बैंक के शीर्ष पदाधिकारी कुलदीप राय शर्मा के नेतृत्व में यह संस्थान “घोटाला कारखाना” बन गया है। हालांकि एक पोस्ट में लिखा गया है कि "कुलदीप राय शर्मा के नेतृत्व में अंडमान सहकारी बैंक 950 करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला, फर्जी गोल्ड लोन और सबसे अधिक 58% एनपीए के साथ भ्रष्टाचार का प्रतीक बन गया है। अभी तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई?" एक अन्य पोस्ट में बैंक पर द्वीपवासियों को निराश करने का आरोप लगाते हुए कहा गया है कि सहकारी बैंक ने "गरीब द्वीपवासियों के विश्वास को तोड़ दिया है।  

एएनएससीबी के प्रबंध निदेशक ने कहा

विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए एएनएससीबी के प्रबंध निदेशक के. मुरुगन ने अभियान को राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा कि यह निहित स्वार्थ वाले कुछ समूहों द्वारा चलाया जा रहा है। हमारा बैंक ठीक से काम कर रहा है और कोई धोखाधड़ी नहीं हुई है। यह सच है कि हमारा एनपीए स्तर अधिक है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि कोई गलत काम किया गया है। उन्होंने कहा कि हमारा कुल कारोबार लगभग 1,500 करोड़ रुपये है और बिना ऑडिट किए गए आंकड़ों के अनुसार हमारा शुद्ध लाभ लगभग 7 करोड़ रुपये है। मुरुगन ने यह भी बताया कि अभियान का समय और प्रकृति राजनीतिक इरादे का संकेत देती है, खासकर तब जब कांग्रेस का एक वरिष्ठ नेता बैंक के प्रबंधन से जुड़ा हुआ है। अधिकारियों द्वारा अभी तक कोई आधिकारिक जांच की घोषणा नहीं की गई है।

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