सन्मार्ग संवाददाता
श्री विजयपुरम : अंडमान निकोबार कमांड ने समुद्री सुरक्षा के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया और समुद्र में एक संभावित आपदा को टाल दिया, जो एक व्यापारी जहाज द्वारा उत्पन्न हुई थी, जो बट्टीमाल्व द्वीप पर फंसने का खतरा था। बता दें कि 1 जून को समुद्री बचाव समन्वय केंद्र (एमआरसीसी), श्री विजयपुरम को एक सूचना मिली, जिसमें बताया गया कि 14 चालक दल के साथ व्यापारी जहाज फोटेक्स इंजन की विफलता के कारण क्षेत्र में बह रहा था। जहाज थाईलैंड से यूएई जा रहा था, जब इसकी मशीनरी खराब हो गई। निकोबार द्वीप समूह के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से में स्थित जहाज अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की ओर बहने लगा, जिससे इन पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील प्राचीन द्वीपों के लिए गंभीर खतरा पैदा हो गया। अंडमान निकोबार कमान ने श्री विजयपुरम स्थित तटरक्षक क्षेत्रीय मुख्यालय को निरंतर हवाई निगरानी के जरिए भटकते जहाज पर नजर रखने का निर्देश दिया और जहाज के मालिक से जहाज और समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक टग बोट की व्यवस्था करने का अनुरोध किया। हालांकि, मालिक द्वारा टग बोट की व्यवस्था नहीं की जा सकी, इस बीच जहाज अंडमान और निकोबार द्वीप श्रृंखला की ओर बढ़ रहा था। बहाव के बदलते पैटर्न के कारण कार निकोबार, टेरेसा और बट्टीमाल्व द्वीपों को जोखिम वाले क्षेत्रों के रूप में पहचाना गया था। एमआरसीसी, श्री विजयपुरम ने तुरंत कार्रवाई की और भारतीय तटरक्षक जहाज (आईसीजीएस) विजित, जो बट्टी मालव द्वीप के पास रखरखाव कर रहा था, को जहाज को सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया गया। इस समय पर और प्रभावी प्रतिक्रिया ने जहाज को फंसने से बचाया और एक संभावित पर्यावरणीय आपदा को टाला। यह ऑपरेशन अंडमान निकोबार कमांड के तहत कार्रवाई में तालमेल को उजागर करता है, जहां भारतीय तटरक्षक बल ने भारतीय जल में जान-माल और समुद्री पर्यावरण की रक्षा करते हुए एक सतर्क संरक्षक की भूमिका निभाई।