अंडमान के कलाकारों के पारिश्रमिक बढ़ाने की मांग

आईटीएफ 2025 में स्थानीय कलाकारों की उपेक्षा का आरोप
अंडमान के कलाकारों के पारिश्रमिक बढ़ाने की मांग
Published on

सन्मार्ग संवाददाता

श्री विजयपुरम : हिंदू राष्ट्र शक्ति के राज्य युवा अध्यक्ष अंग्शुमन रॉय ने अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह के उपराज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपकर द्वीप पर्यटन महोत्सव 2025 में स्थानीय कलाकारों और सांस्कृतिक दलों की कथित उपेक्षा का मुद्दा उठाया है तथा तत्काल सुधारात्मक कदम उठाने की मांग की है। अपने ज्ञापन में उन्होंने कहा कि अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह का प्रमुख सांस्कृतिक और पर्यटन आयोजन बताए जाने वाला आईटीएफ लगातार स्थानीय कलाकारों को सम्मान, उचित पारिश्रमिक और पर्याप्त अवसर देने में विफल रहा है, जबकि यही कलाकार द्वीपसमूह की सांस्कृतिक विरासत के वास्तविक संवाहक हैं। उन्होंने चिंता जताई कि पिछले एक दशक से अधिक समय से स्थानीय कलाकारों के पारिश्रमिक में कोई वृद्धि नहीं हुई है, जबकि जीवन-यापन, परिवहन, वेशभूषा, रिहर्सल और अन्य व्यवस्थाओं की लागत लगातार बढ़ती जा रही है, जिससे कलाकारों में निराशा व्याप्त है। उन्होंने मंचीय प्रस्तुतियों के लिए न्यूनतम पारिश्रमिक में तत्काल संशोधन की मांग करते हुए दक्षिण अंडमान के लिए 30 हजार रुपये, उत्तर एवं मध्य अंडमान के लिए 35 हजार रुपये तथा निकोबार जिले के लिए 40 हजार रुपये निर्धारित करने का सुझाव दिया, साथ ही दूरदराज क्षेत्रों से आने वाले कलाकारों की अतिरिक्त कठिनाइयों का उल्लेख किया। ज्ञापन में यह भी मांग की गई कि द्वीप पर्यटन महोत्सव 2025 में चयनित प्रत्येक स्थानीय सांस्कृतिक दल को कम से कम दो मंचीय प्रस्तुतियां दी जाएं तथा गायन दलों को न्यूनतम 45 मिनट और नृत्य दलों को कम से कम 30 मिनट का मंच समय सुनिश्चित किया जाए, क्योंकि इससे कम समय कलाकारों की महीनों की तैयारी और प्रतिबद्धता का अपमान होगा। द्वीपों की संस्कृति के वास्तविक प्रतिनिधित्व पर जोर देते हुए अंग्शुमन रॉय ने दक्षिण अंडमान, उत्तर एवं मध्य अंडमान तथा निकोबार जिलों के कलाकारों की अनिवार्य अंतर-द्वीपीय भागीदारी की मांग की। उन्होंने विशेष रूप से उत्तर एवं मध्य अंडमान तथा निकोबार से आने वाले कलाकारों के लिए परिवहन, भोजन और आवास की व्यवस्था अनिवार्य किए जाने की बात कही और कलाकारों से स्वयं यह खर्च वहन कराने को अनुचित बताया। उन्होंने भागीदारी पर किसी भी प्रकार की आयु सीमा का विरोध करते हुए छह वर्ष या उससे अधिक आयु के बच्चों को भी भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने की मांग की, ताकि पारंपरिक और स्वदेशी कला रूपों का संरक्षण कम उम्र से हो सके। चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी पर चिंता जताते हुए उन्होंने अंडमान अकादमी और सरकारी शिक्षण संस्थानों के योग्य संगीत एवं नृत्य शिक्षकों को शामिल करते हुए एक पेशेवर चयन समिति के गठन की मांग की, जिससे पक्षपात समाप्त हो सके।

ज्ञापन में यह भी कहा गया कि द्वीप पर्यटन महोत्सव 2025 की योजना और क्रियान्वयन के दौरान स्थानीय कलाकारों के प्रतिनिधियों से परामर्श किया जाना चाहिए, जिससे विश्वास बहाल हो और महोत्सव का आयोजन सुचारु रूप से हो सके। अंग्शुमन रॉय ने कहा कि स्थानीय कलाकारों की लगातार उपेक्षा अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह की सांस्कृतिक आत्मा के लिए खतरा है और उन्होंने उपराज्यपाल से तत्काल हस्तक्षेप कर द्वीप पर्यटन महोत्सव 2025 को सम्मान, न्याय और वास्तविक सांस्कृतिक प्रतिनिधित्व का मंच बनाने की अपील की। उन्होंने प्रशासन को यह भी आश्वासन दिया कि स्थानीय कलाकार और युवा सांस्कृतिक समूह महोत्सव को सफल और समावेशी बनाने में पूरा सहयोग देंगे।

संबंधित समाचार

No stories found.

कोलकाता सिटी

No stories found.

खेल

No stories found.
logo
Sanmarg Hindi daily
sanmarg.in