अपने भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए द्रमुक भाषा को हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रही है: शाह

राजग सरकार ने आतंकवाद, वाम नक्सलवाद एवं पूर्वोत्तर के उग्रवाद जैसे ‘तीन नासूर’ खत्म किये
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गृहमंत्री अमित शाह राज्यसभा में गृह मंत्रालय के बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए
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नयी दिल्ली : केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने त्रि-भाषा फार्मूले को लेकर जारी विवाद के बीच शुक्रवार को राज्यसभा में द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) पर जोरदार हमला बोला और कहा कि अपने भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए तमिलनाडु की सत्तारूढ़ पार्टी भाषा को हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रही है। गृहमंत्री ने साथ ही राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के 10 साल के बड़े काम गिनाते हुए कहा कि इस अवधि में तीन बड़े नासूरों को उखाड़ फेंका गया। ये तीन नासूर थे जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की समस्या, वामपंथी उग्रवाद और पूर्वोत्तर का उग्रवाद।

हिंदी की किसी भी भारतीय भाषा से स्पर्धा नहीं

शाह ने उच्च सदन में अपने मंत्रालय के कामकाज पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए यह भी कहा कि राजग त्रि-भाषा फार्मूले के मुद्दे को गांव-गांव लेकर जायेगा और द्रमुक की पोल खेलेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि हिंदी की किसी भी भारतीय भाषा से स्पर्धा नहीं है। हिंदी सभी भारतीय भाषाओं की सखी है। हिंदी से ही सभी भारतीय भाषाएं मजबूत होती हैं और सभी भारतीय भाषाओं से ही हिंदी मजबूत होती है। गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से केंद्र और तमिलनाडु के बीच भाषा को लेकर जारी है। तमिलनाडु ने केंद्र सरकार पर हिंदी थोपने का आरोप लगाया है हालांकि केंद्र ने इस आरोप से इनकार किया है। द्रमुक का कहना है कि केंद्र राष्ट्रीय शिक्षा नीति में त्रि-भाषा फार्मूले के कार्यान्वयन के माध्यम से तमिलनाडु पर हिंदी भाषा ‘थोपना’ चाहता है।

सभी भाषाओं का हिंदी और अंग्रेजी से अनुवाद के लिए बनेगा ऐप

सभी भाषाओं का हिंदी और अंग्रेजी से अनुवाद के लिए ऐप बनाये जाने की घोषणा करते हुए शाह ने कहा कि दिसंबर महीने के बाद वे हर राज्यों के मुख्यमंत्री, मंत्री और सांसदों को या वहां के किसी भी नागरिक से उसकी ही भाषा में ही पत्र व्यवहार करने वाले हैं। गृहमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार दो साल से तमिलनाडु सरकार से कह रही है लेकिन उसमें हिम्मत नहीं है मेडिकल और इंजीनियरिंग के शिक्षा को तमिल में अनुवादित करने की। उन्होंने कहा कि क्योंकि आपके आर्थिक हित जुड़े हुए हैं। आप यह नहीं कर सकते हो। मगर हमारी सरकार आएगी वहां, राजग की, तो हम मेडिकल और इंजीनियरिंग का कोर्स तमिल में बनायेंगे। शाह ने कहा कि भारतीय भाषाओं के विकास के लिए राजग सरकार प्रतिबद्ध है, इसमें किसी को शंका नहीं होनी चाहिए।

‘तीन नासूरों’ से चार दशकों में 92 लोग मारे गये

शाह ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद हुए परिवर्तन के बारे में प्रश्न पूछने वाले विपक्षी नेताओं पर करारा प्रहार करते हुए कहा कि इसके समाप्त होने के बाद वहां आतंकवाद, पथराव, जबरदस्ती बंद की घटनाओं में भारी कमी आयी है तथा राज्य में जितना निवेश आया, उतना आजादी के बाद कभी नहीं हुआ था। शाह ने जम्मू कश्मीर एवं वहां के आतंकवाद, वाम नक्सलवाद एवं पूर्वोत्तर के उग्रवाद को ‘तीन नासूर’ की संज्ञा दी। इन्होंने कहा कि यदि इन तीनों समस्याओं को जोड़ दिया जाये तो चार दशकों में देश के कुल 92 हजार नागरिक मारे गये। इन तीनों समस्याओं के लिए पहले ऐसे कभी सुनियोजित प्रयास नहीं किये गये जो मौजूदा सरकार ने सत्ता में आने के बाद किये हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के आने के बाद उड़ी और पुलवामा हमलों के बाद दस दिन के भीतर पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक और एअर स्ट्राइक की गयी। पूरी दुनिया में दो ही देश ऐसे थे जो अपनी सीमा और सेना की सुरक्षा के लिए हमेशा समान के साथ तत्पर रहते थे...(ये देश हैं) अमेरिका और इजराइल। उन दो देशों की सूची में मेरे महान देश भारत का नाम जोड़ने का काम नरेंद्र मोदी ने किया।

भारत स्वदेशी ड्रोन-रोधी समाधान की खोज के बहुत करीब

गृहमंत्री ने कहा कि भारत एक पूर्ण एवं स्वदेशी ड्रोन-रोधी समाधान की खोज के बहुत करीब है और यह काम छह महीने के भीतर हो जायेगा। उन्होंने कहा कि हम ड्रोन-रोधी पूर्ण समाधान पाने के बहुत करीब हैं। हमने छह प्रयोग किये हैं, मुझे उम्मीद है कि छह महीने के भीतर हमारे पास ड्रोन-रोधी स्वदेशी समाधान होगा, जो ‘मेक इन इंडिया’ का प्रतीक होगा। उन्होंने कहा कि अफीम की खेती पर नज़र रखने के लिए भी ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। शाह ने कहा कि पिछले पांच साल में 14,000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की 23,000 किलोग्राम ‘सिंथेटिक’ दवाओं को नष्ट किया गया है।

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