SIR अभियान के बीच बारासात में रेलवे ट्रैक के पास मिले गुच्छों में वोटर और आधार कार्ड

अवैध नेटवर्क पर गहराया संदेह
Amid the SIR campaign, bunches of voter and Aadhaar cards were found near the railway tracks in Barasat.
सांकेतिक फोटो
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निधि, सन्मार्ग संवाददाता

बारासात : राज्य भर में मतदाता सूची के गहन संशोधन (SIR) का कार्य जोर-शोर से चलने के बीच, बारसात से सामने आई एक चौंकाने वाली घटना ने राजनीतिक गलियारों और सुरक्षा एजेंसियों के बीच हलचल मचा दी है। बारसात में रेलवे लाइन के किनारे कूड़े के ढेर के पास गुच्छों में वोटर कार्ड और आधार कार्ड बरामद हुए हैं। इन महत्वपूर्ण दस्तावेजों के साथ-साथ बड़ी संख्या में राशन कार्ड और पैन कार्ड भी मिले हैं, जिसने इन पहचान पत्रों की उत्पत्ति और उद्देश्य पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

ये सभी दस्तावेज रेलवे ट्रैक के किनारे एक नाली और कूड़े के ढेर के पास फेंके हुए पाए गए। जांचकर्ता इस बात की गहनता से पड़ताल कर रहे हैं कि इतने सारे संवेदनशील पहचान पत्र यहाँ कैसे पहुंचे और क्यों फेंके गए। पुलिस को प्रारंभिक तौर पर यह संदेह है कि SIR (Special Integrated Revision) अभियान के कारण पकड़े जाने के डर से, किसी संगठित गिरोह या अवैध निवासी ने इन पहचान पत्रों को ठिकाने लगाने की कोशिश की है।

स्थानीय लोगों का संदेह और सुरक्षा चिंताएं:

स्थानीय निवासियों ने आशंका व्यक्त की है कि बरामद कार्डों में से अधिकांश नकली हो सकते हैं। उनका तर्क है कि कोई भी व्यक्ति अपने असली और वैध पहचान दस्तावेजों को इस तरह नाली और कूड़े के ढेर के पास नहीं फेंकेगा। लोगों का साफ मानना है कि SIR अभियान ने घुसपैठियों के बीच डर पैदा कर दिया है, जिसके कारण उन्होंने पकड़े जाने से बचने के लिए इन अवैध दस्तावेजों को फेंक दिया।

राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप:

इस घटना पर भाजपा ने तुरंत प्रतिक्रिया दी है। भाजपा नेता प्रतीप चट्टोपाध्याय ने इस मामले को लेकर पश्चिम बंगाल की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, "जिस तरह राज्य के विभिन्न हिस्सों से वोटर, आधार कार्ड जैसे महत्वपूर्ण पहचान पत्र बरामद हो रहे हैं, उससे पश्चिम बंगाल की सुरक्षा आज सवालों के घेरे में है।"

प्रतीप चट्टोपाध्याय ने संदेह व्यक्त किया कि इन घटनाओं के पीछे कोई अवैध गिरोह सक्रिय हो सकता है जो पैसे लेकर घुसपैठियों के लिए बड़े पैमाने पर अवैध रूप से पहचान पत्र बना रहा है, जिससे उन्हें भारत में अवैध रूप से रहने और सरकारी सुविधाओं का लाभ उठाने में मदद मिल सके। उन्होंने इस पूरे मामले की गहन और निष्पक्ष जाँच की मांग की है।

फिलहाल, पुलिस ने सभी बरामद दस्तावेजों को जब्त कर लिया है और उनके असली या नकली होने की पुष्टि के लिए जांच की जा रही है। पुलिस ने घटना के पीछे सक्रिय लोगों और अवैध नेटवर्क का पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी है।

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