नयी दिल्ली : वाणिज्य एवं उद्योगमंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को संसद में कहा कि अमेरिका द्वारा भारत पर लगाये गये आयात शुल्क (टैरिफ) के प्रभावों का आकलन किया जा रहा है तथा राष्ट्रीय हितों को सुरक्षित करने और आगे बढ़ाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाये जायेंगे। गोयल ने यह भी कहा कि सरकार किसानों, श्रमिकों, उद्यमियों, निर्यातकों, एमएसएमई तथा उद्योग जगत के सभी हितधारकों की रक्षा और संवर्धन को सर्वोच्च महत्व देती है।
दोनों पक्षों की चार बैठकें हुई थीं
गौरतलब है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से आयातित वस्तुओं पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ और जुर्माना लगाने की बुधवार को घोषणा की। यह टैरिफ एक अगस्त से प्रभावी हो जायेगा। गोयल ने लोकसभा में दिये वक्तव्य में अमेरिका के साथ बातचीत के बारे में जानकारी दी कि दोनों पक्षों के बीच दिल्ली और वाशिंगटन में आमने-सामने की चार बैठकें हुईं तथा कई बार डिजिटल माध्यम से बातचीत हुई। दोनों पक्षों ने गत 29 मार्च को नयी दिल्ली में आयोजित पहली बैठक की चर्चा के दौरान द्विपक्षीय बातचीत शुरू करने के लिए विस्तृत संदर्भ शर्तें (टीओआर) को अंतिम रूप दिया। उन्होंने कहा कि मूल रूप से अतिरिक्त टैरिफ 9 अप्रैल से प्रभावी होने वाला था लेकिन इसे 10 अप्रैल को पहले 90 दिन तक स्थगित कर दिया गया और बाद में एक अगस्त तक बढ़ा दिया गया।
भारत बनेगा तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
गोयल ने कहा कि सरकार हालिया घटनाक्रम से होने वाले प्रभावों का परीक्षण कर रही है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय निर्यातकों और उद्योग सहित सभी हितधारकों से संवाद कर इस विषय पर उनके आकलन की जानकारी ले रहा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मात्र एक दशक से भी कम समय में भारत ‘फ्रेजाल फाइव’ (पांच कमजोर अर्थव्यवस्थाओं) से निकलकर दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बन गया है। उन्होंने कहा कि भारत अपने सुधारों और अपने किसानों, एमएसएमई एवं उद्यमियों की कड़ी मेहनत के बल पर दुनिया की शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन गया है। भारत कुछ ही वर्षों में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जायेगा। बाद में गोयल ने राज्यसभा में भी यहीं बयान अंग्रेजी और हिंदी में पढ़ा।
चिंताओं का समाधान नहीं, सिर्फ आत्मप्रशंसा : कांग्रेस
मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने गोयल के संसद में दिये वक्तव्य को लेकर कहा कि उन्होंने वास्तविक मुद्दों पर कोई बात नहीं की और भारतीय व्यवसायों की चिंताओं का समाधान नहीं किया, सिर्फ आत्मप्रशंसा की। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि अमेरिका के साथ व्यापार समझौता न हो पाने, अमेरिका द्वारा भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने और रूस व ईरान के साथ व्यापार करने पर अतिरिक्त जुर्माना लगाने जैसे वास्तविक मुद्दों पर कोई चर्चा नहीं की गयी।