

कोलकाता : आज यानी शनिवार 2 अगस्त से बहुचर्चित 'आमादेर पाड़ा आमादेर समाधान' योजना राज्य भर में शुरू होने जा रही है। राज्य सरकार ने स्थानीय स्तर की छोटी-छोटी समस्याओं को मौके पर ही हल करने के उद्देश्य से इस नई पहल शुरू की है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पिछले सप्ताह इस अभिनव कार्यक्रम की घोषणा की थी। इसके तहत प्रत्येक ब्लॉक के हर बूथ में स्थानीय मुद्दों पर चर्चा कर समाधान निकाला जाएगा। इससे पहले ‘दुआरे सरकार’ और ‘पाड़ाय समाधान’ जैसे कार्यक्रमों के जरिए सरकार जनता के दरवाज़े तक सेवा पहुंचा चुकी है। अब नागरिकों को सरकारी कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने होंगे, बल्कि अधिकारी और कर्मचारी खुद उनके पास पहुंचेंगे। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार यह कार्यक्रम 2 अगस्त, शनिवार से पूरे राज्य में शुरू किया जाएगा जो 3 नवंबर तक चलेगा।
नवान्न ने जारी की 16 अनिवार्य कार्यों की सूची
मुख्यमंत्री की पहल पर इस कार्यक्रम का उद्देश्य हर बूथ स्तर पर स्थानीय समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित करना है। सूत्रों के अनुसार, नवान्न ने इस कार्यक्रम के तहत 16 अनिवार्य कार्यों की सूची जारी की है, जिनमें जल निकासी, सड़क निर्माण, जल आपूर्ति, एलईडी/सोलर लाइट, सार्वजनिक शौचालय, आंगनबाड़ी व स्कूलों की मरम्मत, कचरा प्रबंधन, तालाबों की सफाई, बाजार ढांचा, पार्क विकास, सामुदायिक केंद्र, एम्बुलेंस सेवा और बिजली की व्यवस्था शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि राज्य के करीब 80,000 बूथों पर यह कार्यक्रम चलेगा और प्रत्येक बूथ को 10 लाख रुपये तक की राशि दी जाएगी। इसके लिए राज्य सरकार ने 8,000 करोड़ रुपये का बजट तय किया है। खास बात यह है कि किस कार्य में कितना पैसा खर्च होगा, इसका फैसला स्थानीय लोग सामूहिक रूप से करेंगे। इससे पहले ‘दुआरे सरकार’ और ‘पाड़ाय समाधान’ जैसी योजनाओं के माध्यम से सरकार लोगों के दरवाजे तक पहुंच चुकी है। अब 'हमारा मुहल्ला, हमारा समाधान’ कार्यक्रम स्थानीय स्तर पर प्रशासनिक भागीदारी को मजबूत करेगा और लोगों की समस्याओं का समाधान सीधे उनके पाड़ा (इलाके) में ही करेगा।