'डिटेंशन कैंप' को लेकर ममता पर टिकी निगाहें

केंद्र के बहुचर्चित आदेश पर बड़ा बयान संभव
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी
Published on

कोलकाता: केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में लागू किए गए इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स एक्ट, 2025 को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बड़ा बयान दे सकती हैं। सूत्रों के अनुसार गुरुवार 4 सितंबर को विधानसभा के विशेष सत्र के अंतिम दिन मुख्यमंत्री इस मुद्दे पर अपना रुख साफ कर सकती हैं और केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के खिलाफ सख्त कदम उठा सकती हैं।

इधर, तृणमूल कांग्रेस ने इस संबंध में भाजपा पर तीखे शब्दों में हमला बोला है। कुणाल घोष और शशि पांजा जैसे शीर्ष नेताओं का कहना है कि भाजपा सीएए और एनआरसी की आड़ में इस कृत्य के माध्यम से प्रमुख मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। दरअसल बंगालियों के खिलाफ 'भाषायी आतंक' फैलाया जा रहा है।

हाल ही में ओडिशा में मालदा के एक मजदूर के साथ हुई बर्बर मारपीट का उदाहरण देते हुए टीएमसी ने आरोप लगाया कि भाजपा ने देश को 'डर और नफ़रत के डिस्टोपियन नर्क' में बदल दिया है। हालांकि पार्टी ने असम की तरह राज्य में 'डिटेंशन कैंप' के निर्माण पर अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है।

गौरतलव है कि इस कानून (इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स एक्ट, 2025) के तहत पासपोर्ट और वीज़ा नियमों को कड़ा किया गया है और ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन को अवैध प्रवासियों को चिन्हित करने, हिरासत में लेने और उन्हें देश से बाहर भेजने के व्यापक अधिकार दिए गए हैं। कानून के मुताबिक, सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को अनिवार्य रूप से होल्डिंग सेंटर (डिटेंशन कैंप) स्थापित करना होगा, जहां विदेशियों को निर्वासन तक रोका जाएगा।

केंद्र के इस कदम पर पूरे देश की निगाहें अब बंगाल की ओर हैं क्योंकि ममता बनर्जी पहले से ही एनआरसी और सीएए का कड़ा विरोध करती रही हैं। इस संबंध में पिछले जुलाई को कोलकाता में आयोजित विरोध मार्च में उन्होंने केंद्र को खुली चुनौती दी थी कि हम अपने राज्य में एनआरसी या सीएए की अनुमति नहीं देंगे। अगर हिम्मत है तो मुझे डिटेंशन कैंप में डालकर दिखाइए।

संबंधित समाचार

No stories found.

कोलकाता सिटी

No stories found.

खेल

No stories found.
logo
Sanmarg Hindi daily
sanmarg.in