
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : भारती एयरटेल ने पश्चिम बंगाल में बढ़ती ऑनलाइन धोखाधड़ी के खिलाफ अपनी AI-आधारित फ्रॉड डिटेक्शन सिस्टम के जरिए 41 दिनों में 64 लाख से अधिक यूजर्स को सुरक्षित किया है। यह प्रणाली सभी एयरटेल मोबाइल और ब्रॉडबैंड ग्राहकों के लिए स्वचालित रूप से सक्रिय है, जो SMS, व्हाट्सऐप, टेलीग्राम, फेसबुक, इंस्टाग्राम और ईमेल जैसे प्लेटफॉर्म्स पर आने वाले लिंक को रियल टाइम में स्कैन करती है। यह तकनीक प्रतिदिन 1 अरब से ज्यादा URL का विश्लेषण करती है और खतरनाक साइट्स को 100 मिलीसेकंड में ब्लॉक कर देती है।
उदाहरण के तौर पर, यदि कोलकाता का कोई यूजर “आपका पार्सल डिलीवर नहीं हुआ, ट्रैक करें: http://www.tracky0urparcell.com” जैसा संदेश प्राप्त करता है और लिंक पर क्लिक करता है, तो एयरटेल का AI सिस्टम तुरंत उसे स्कैन कर ब्लॉक करता है। यूजर को चेतावनी मिलती है: “ब्लॉक कर दिया गया! एयरटेल ने इस साइट को खतरनाक पाया है!” यह प्रक्रिया इतनी तेज है कि यूजर को धोखाधड़ी का शिकार होने से पहले ही बचा लिया जाता है।
पश्चिम बंगाल, जो देश के डिजिटल रूप से विकसित राज्यों में शुमार है, में फिशिंग लिंक, नकली डिलीवरी मैसेज और जाली बैंक अलर्ट के जरिए साइबर अपराध बढ़ रहे हैं। सिलीगुड़ी, दुर्गापुर, आसनसोल, खड़गपुर, मिदनापुर, हाबरा, बोलपुर और बांकुड़ा जैसे क्षेत्रों में ऐसी घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। एयरटेल का यह समाधान पूरे राज्य के लिए डिजिटल सुरक्षा कवच की तरह काम करता है, जो परिवारों, बुजुर्गों, गृहणियों, छात्रों और नए स्मार्टफोन यूजर्स को साइबर खतरों से बचाता है।
यह एआई प्लेटफॉर्म बंगाली सहित यूजर्स की पसंदीदा भाषा में अलर्ट भेजता है, जिससे यह भाषाई और सामाजिक विविधता वाले पश्चिम बंगाल में प्रभावी है। खासकर उन क्षेत्रों में, जहां डिजिटल साक्षरता कम है, यह सुविधा उपयोगी साबित हो रही है। यह सिस्टम बैकग्राउंड में बिना अतिरिक्त इंस्टॉलेशन के मुफ्त काम करता है।
एयरटेल के पश्चिम बंगाल और ओडिशा के सीईओ अयान सरकार ने कहा, “यह दुनिया का पहला फ्रॉड डिटेक्शन सॉल्यूशन है, जो ग्राहकों को डिजिटल खतरों से बचाने के लिए डिजाइन किया गया है। हम पश्चिम बंगाल में एक सुरक्षित डिजिटल इकोसिस्टम बना रहे हैं।” ऑनलाइन बैंकिंग और सरकारी सेवाओं के डिजिटलीकरण के दौर में एयरटेल की यह पहल हर यूजर के डिजिटल अनुभव को सुरक्षित बना रही है।