अहमदाबाद : अहमदाबाद में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी सहित विमान दुर्घटना में जान गंवाने वाले 32 लोगों की शिनाख्त डीएनए परीक्षण के जरिये कर ली गयी है और अब तक 14 लोगों के शव परिजनों को सौंपे जा चुके हैं।
सीएम ने रूपाणी के परिवार को दी डीएनए मिलान की जानकारी
गुजरात के के गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी ने रविवार को यहां संवाददाताओं को बताया कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के पार्थिव शरीर के डीएनए नमूने का उनके परिजनों के डीएनए नमूनों से मिलान हो गया है। रूपाणी एअर इंडिया के उस विमान में सवार थे जो 12 जून को अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने रूपाणी के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की और उन्हें डीएनए मिलान के बारे में जानकारी दी। रूपाणी के परिवार के अनुसार राजकोट में सोमवार दोपहर 3 बजे अंतिम संस्कार किया जायेगा। लंदन जाने वाले विमान में यात्रियों और चालक दल के सदस्यों सहित 242 लोग सवार थे जिनमें से 241 की मौत हो गयी। इस हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री रूपाणी की भी मौत हो गयी। वहीं, एक यात्री चमत्कारिक रूप से बच गया।
शव इतने जल गये हैं कि उनकी पहचान नहीं हो पा रही
अतिरिक्त सिविल अधीक्षक डॉक्टर रजनीश पटेल ने एक अधिकारी ने रविवार को संवाददाताओं को बताया कि अब तक जितने भी शवों की शिनाख्त की गयी है उनका संबंध गुजरात और राजस्थान के अलग-अलग स्थानों से था। चूंकि अधिकतर शव इतने जल गये हैं कि उनकी पहचान नहीं हो पा रही है, इसलिए अधिकारी इस भयावह त्रासदी में मारे गये लोगों की पहचान करने के लिए डीएनए परीक्षण करा रहे हैं। सरकारी बी जे मेडिकल कॉलेज में सर्जरी के प्रोफेसर पटेल ने कहा कि अब तक 32 डीएनए नमूने मेल खा चुके हैं और 14 शवों को उनके परिवारों को सौंप दिया गया है।
जांच में जुटी केंद्रीय टीमें
अहमदाबाद नगर निगम (एएमसी) आयुक्त बी निधि पाणि ने बताया कि विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) की एक टीम हादसे की जांच का नेतृत्व कर रही है और वे पिछले तीन दिन से यहां हैं। इस भयावह त्रासदी की जांच में विभिन्न केंद्रीय एजेंसियां और राज्य पुलिस सहायता कर रही हैं। उन्होंने कहा कि ‘ब्लैक बॉक्स’ की बरामदगी जांच प्रक्रिया का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है। केंद्र सरकार ने शनिवार को विमान दुर्घटना के ‘मूल कारण’ का पता लगाने और इसमें योगदान देने वाले किसी भी कारक जैसे यांत्रिक विफलता, मानवीय त्रुटि और नियामकीय अनुपालन, का आकलन करने के लिए एक उच्चस्तरीय बहु-विषयक समिति का गठन किया था। केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन की अध्यक्षता वाली इस समिति को तीन महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है।