नयी दिल्ली/अहमदाबाद : सरकार ने शनिवार को कहा कि अहमदाबाद विमान दुर्घटना के कारणों की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय समिति गठित की गयी है, जो 3 महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। गुरुवार को दुर्घटनाग्रस्त हुए एअर इंडिया के बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान का ‘ब्लैक बॉक्स’ शुक्रवार शाम को घटनास्थल से बरामद किया गया। इस बीच मृतकों का आंकड़ा 275 तक पहुंच चुका है। सिविल अस्पताल में अब तक 270 से ज्यादा शवों का पोस्टमॉर्टम हो चुका है। इसके अलावा, 230 लोगों की डीएनए सैंपलिंग की जा चुकी है और 11 शवों की शिनाख्त हो गयी है।
संदेह का दायरा भी बढ़ता ही जा रहा
इस बीच इस दुर्घटना की वजहें अभी तक साफ नहीं हो पायी हैं, इसलिए इस हादसे के कारणों को लेकर संदेह का दायरा भी बढ़ता ही जा रहा है। पहले घटनास्थल राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की टीम पहुंची और फिर दुर्घटना स्थल को राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के हवाले कर दिया गया। यह दोनों ही बातें संकेत दे रही हैं कि विमान हादसे को लेकर कुछ इस तरह के संदेह पैदा हो रहे हैं, जो अब तक इसको लेकर चल रहे सारे अनुमानों से भी आगे निकल रहे हैं।
डीएनए सैंपलिंग का काम जारी
नागर विमानन मंत्री के राममोहन नायडू ने शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी में संवाददाताओं से बातचीत में बताया कि केंद्रीय गृह सचिव के नेतृत्व में जांच कमेटी गठित की गयी है। इस बीच विमान के मलबे से एक और शव बरामद हुआ है। बीजे मेडिकल कॉलेज हॉस्टल से जब मलबा हटाया जा रहा था, तब विमान की टेल (पिछले हिस्से) में फंसा हुआ शव दिखा। इसका पोस्टमॉर्टम हुआ है। कहा जा रहा है कि यह शव एअर होस्टेस का हो सकता है। आज (शनिवार को) भी मारे गये लोगों की डीएनए सैंपलिंग का काम जारी है। सिविल अस्पताल के बाहर परिजन की भीड़ है। यहां सुरक्षा के कड़े इंतजाम है। पोस्टमॉर्टम यूनिट के आसपास बाहरी लोगों की एंट्री बंद है।
‘ब्लैक बॉक्स’ की डिकोडिंग से मिलेगी जानकारी
नायडू ने यह भी कहा कि ‘ब्लैक बॉक्स’ की डिकोडिंग से विमान दुर्घटना से कुछ क्षण पहले क्या हुआ था, इसकी पूरी जानकारी मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि देश में विमानन सुरक्षा के बहुत सख्त मानक और मजबूत प्रोटोकॉल हैं तथा सुरक्षा को और बेहतर बनाने के लिए हर संभव प्रयास किया जायेगा। इस बीच मृतकों की संख्या बढ़कर 275 हो गयी है। इनमें विमान में क्रू और पैसेंजर (कुल 242) में 241 मौतें (एक यात्री की जान बच गयी) और बीजे मेडिकल कॉलेज हॉस्टल में हुई 34 मौतें (5 डॉक्टर+ 31 स्टाफ और वहां मौजूद अन्य लोग) शामिल हैं।
जांच में शामिल एजेंसियां
विमान हादसे के कारणों को लेकर संदेह का दायरा भी बढ़ता ही जा रहा है। पहले वहां एनआईए की टीम पहुंची और फिर दुर्घटना स्थल को एनएसजी के हवाले कर दिया गया। सूत्रों के अनुसार एनएसजी की टीम वहां अन्य एजेंसियों की सहायता कर रही है। इनमें एएआईबी, डीजीसीए, अहमदाबाद क्राइम ब्रांच और लोकल पुलिस भी शामिल है। इस विमान दुर्घटना की जांच का बढ़ता दायरा इसकी गंभीरता की आशंकाओं की ओर इशारा कर रहा है।
जांच के दो हिस्से हो सकते हैं
सूत्रों के अनुसार विमान हादसे की जांच के दो हिस्से हो सकते हैं। एक तो विमानन से जुड़ा तकनीकी हिस्सा है। जिसकी जांच एएआईबी और कई अन्य देशों की एविएशन इंवेस्टिगेशन एजेंसियां और बोइंग के इंजीनियर करेंगे लेकिन दूसरे हिस्से की भी गहन छानबीन बहुत जरूरी है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह पता लगाना भी बहुत जरूरी है कि क्या एआई-171 के बोइंग-787 ड्रीमलाइनर के इंजन या उससे जुड़े उपकरणों के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ तो नहीं की गयी थी? क्या यह हादसा किसी बड़ी साजिश की वजह से तो नहीं हुआ? जांच सभी पहलुओं से होनी चाहिए, ताकि इसकी असल और पुख्ता वजह सामने आ सके। गौरतलब है कि शुक्रवार को ही इस हादसे की जांच को लेकर एक शुरुआती रिपोर्ट सामने आयी थी, जिसमें इसकी वजह पक्षी से टकराने या ओवरलोडिंग जैसी आशंकाओं को खारिज कर दिया गया था।