नयी दिल्ली : भारत ने ओडिशा के चांदीपुर में इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज में बुधवार को मध्यम दूरी की पहली अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल ‘अग्नि 5’ का सफल परीक्षण किया। यह एकाधिक स्वतंत्र रूप से लक्षित पुनः प्रवेश वाहन (एमआईआरवी) टेक्नोलॉजी से लैस है यानी इसे एक साथ कई लक्ष्यों पर लॉन्च किया जा सकता है। इसका पहला परीक्षण अप्रैल 2012 में हुआ था। अग्नि-5 की रेंज 5000 किलोमीटर है। ऐसे में यह मिसाइल पाकिस्तान, चीन, तुर्किये जैसे कई देशों तक मार करने की क्षमता रखती है।
29401 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार
रक्षा मंत्रालय के अनुसार ‘अग्नि-5’ भारत की पहली और एकमात्र अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने बनाया है। यह भारत के पास मौजूद लंबी दूरी की मिसाइलों में से एक है। ‘अग्नि- 5’ बैलिस्टिक मिसाइल एक साथ कई हथियार ले जाने में सक्षम है। यह डेढ़ टन तक न्यूक्लियर हथियार अपने साथ ले जा सकती है। इसकी रफ्तार मैक 24 है यानी आवाज की स्पीड से 24 गुना ज्यादा है। लॉन्चिंग सिस्टम में कैनिस्टर तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। इस वजह से इस मिसाइल को कहीं भी आसानी से लाया ले जाया जा सकता है। इस वजह से देश में कहीं भी इसकी तैनाती की जा सकती है।
अमेरिका ने 1970 में विकसित की थी एमआईआरवी तकनीक
एमआईआरवी तकनीक सबसे पहले अमेरिका ने 1970 में विकसित की थी। 20वीं सदी के अंत तक अमेरिका और सोवियत संघ दोनों के पास एमआईआरवी से लैस कई इंटरकॉन्टिनेंटल और सबमरीन लॉन्च्ड बैलिस्टिक मिसाइलें थीं।