पुर्तगाल के बाद स्लोवाकिया दौरे पर पहुंचीं राष्ट्रपति मुर्मू

क्या होगा इस दौरे पर ?
पुर्तगाल के बाद स्लोवाकिया दौरे पर पहुंचीं राष्ट्रपति मुर्मू
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ब्रातिस्लावा : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का बुधवार को यहां राष्ट्रपति भवन में स्लोवाकिया के राष्ट्रपति पीटर पेलेग्रिनी ने स्वागत किया। राष्ट्रपति मुर्मू पुर्तगाल के दो दिवसीय राजकीय दौरे के समापन के बाद स्लोवाकिया पहुंचीं। वह इस देश की यात्रा करने वाली दूसरी भारतीय राष्ट्रपति हैं। लोक पोशाक पहने एक जोड़े ने ‘ब्रेड और नमक’ के साथ उनका पारंपरिक स्लोवाक स्वागत किया। राष्ट्रपति पुर्तगाल की अपनी दो दिवसीय राजकीय यात्रा पूरी करने के बाद यहां पहुंचीं। इस यात्रा के दौरान उन्होंने देश के शीर्ष नेतृत्व के साथ विचार-विमर्श किया और भारतीय समुदाय के साथ बातचीत की।

विदेश मंत्रालय की तरफ से किया गया एक्स पर पोस्‍ट

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज ब्रातिस्लावा में राष्ट्रपति भवन पहुंचीं। स्लोवाकिया के राष्ट्रपति पीटर पेलेग्रिनी ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया और सलामी गारद प्रदान किए जाने के साथ औपचारिक स्वागत किया। यह पिछले लगभग तीन दशकों में भारत के किसी राष्ट्रपति की स्लोवाकिया की पहली यात्रा है।’

क्या होगा इस दौरे पर ?

स्लोवाक दंपति ने मुर्मू को ब्रेड दी जिसे उन्होंने नमक लगाकर खाया। यह प्राचीन परंपरा विभिन्न विशेष अवसरों पर विशिष्ट अतिथियों के लिए आतिथ्य, मित्रता और सम्मान के प्रतीक के रूप में निभाई जाती है। स्लोवाकिया की अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान, राष्ट्रपति मुर्मू प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता करेंगी और प्रधानमंत्री रॉबर्ट फिको तथा राष्ट्रीय परिषद के अध्यक्ष रिचर्ड रासी से मुलाकात करेंगी। इस यात्रा के दौरान कई समझौता ज्ञापनों पर भी हस्ताक्षर किये जायेंगे।

29 साल पहले भारत के किसी राष्ट्रपति ने किया था स्लोवाकिया का दौरा

आखिरी बार भारत के किसी राष्ट्रपति ने 29 साल पहले स्लोवाकिया का दौरा किया था। मुर्मू मध्य यूरोपीय देश का दौरा करने वाली भारत की दूसरी राष्ट्रपति हैं। विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) तन्मय लाल ने प्रेस वार्ता में कहा था कि स्लोवाकिया में संस्कृत अध्ययन के साथ भारत के गहरे संबंध हैं। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी की रचनाओं का स्लोवाक में अनुवाद किया गया है और स्लोवाकिया ने वर्ष 2022 में यूक्रेन से भारतीय छात्रों को निकालने के दौरान बहुमूल्य सहायता प्रदान की।

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