

कोलकाता: बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद विपक्षी राजनीति में हलचल तेज हो गयी है। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) अब 'इंडिया ब्लॉक' को नये सिरे से मजबूत करने की रणनीति पर काम कर रही है।
पार्टी नेतृत्व का मानना है कि कांग्रेस का कमजोर प्रदर्शन विपक्षी गठबंधन की विश्वसनीयता की राह में चुनौती बन सकता है, इसलिए संयुक्त मोर्चे की रूपरेखा को नये ढंग से तैयार करना समय की मांग है। टीएमसी सूत्रों के अनुसार, पार्टी अब इंडिया ब्लॉक के अंदर मौजूद क्षेत्रीय दलों समाजवादी पार्टी, आरजेडी, शिवसेना (उद्धव समूह) और आम आदमी पार्टी को साथ लेकर एक प्रभावी 'कोर ग्रुप' बनाने पर विचार कर रही है, ताकि गठबंधन राष्ट्रीय स्तर पर अधिक सक्रिय भूमिका निभा सके।
टीएमसी का तर्क है कि केवल कांग्रेस के ऊपर निर्भर रहकर भाजपा का मुकाबला करना मुश्किल होगा। टीएमसी नेता डेरेक ओ'ब्रायन ने कहा है कि ममता बनर्जी ही वह नेता हैं जिन्होंने बार-बार भाजपा के खिलाफ जीत का रास्ता दिखाया है और अब यह अनुभव अन्य विपक्षी दलों के साथ साझा किया जाएगा।
पार्टी का मानना है कि विपक्षी एकता तभी प्रभावी होगी जब नेतृत्व सामूहिक और रणनीति अधिक व्यावहारिक हो। हालांकि, यह भी स्पष्ट है कि पश्चिम बंगाल में टीएमसी अकेले लड़ाई लड़ने की अपनी नीति से पीछे नहीं हटेगी। पार्टी की प्राथमिकता बंगाल में अपना जनाधार बरकरार रखना और राष्ट्रीय राजनीति में विपक्षी गठबंधन को नयी दिशा देना, दोनों को संतुलित करना है।