सन्मार्ग संवाददाता
मालबाजार : पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा डब्ल्यूबीसीएस परीक्षा से नेपाली भाषा को हटाने के फैसले पर आदिवासी गोरखा संयुक्त समिति ने कड़ा विरोध जताया है। इसके अलावा हाल ही में माल ब्लॉक क्षेत्र के नाबालिग से दुष्कर्म मामले और उदलाबाड़ी ग्राम पंचायत में देवनागरी लिपि में सूचना पटक निर्देशिका के संबंध में उदलाबाड़ी चुइया बस्ती में पत्रकार सम्मेलन किया। पत्रकार वार्ता में आदिवासी गोरखा संयुक्त समिति के केंद्रीय अध्यक्ष सघन मोक्तान, सदस्य रूपा राई, अमृता राई के अलावा अन्य प्रमुख शामिल थे। इसे लेकर केंद्रीय अध्यक्ष सघन मोक्तान ने कहा कि डब्ल्यूबीसीएस परीक्षा एक बहुत ही महत्वपूर्ण परीक्षा है। परीक्षा पास करके बीडीओ या अन्य अधिकारी बना जा सकता है। पहाड़ डुआर्स के तीन जिलों में लगभग 18 लाख से ज्यादा गोरखा समुदाय के लोग निवास करते है। अन्य भाषाओं की तरह डब्ल्यूबीसीएस परीक्षा में नेपाली साहित्य और भाषा को वैकल्पिक विषय के रूप में शामिल करना होगा। राज्य की मुख्यमंत्री से अनुरोध करते हैं संविधान द्वारा दी गई अधिकारों से उन्हें वंचित न किया जाये। गत कुछ दिन पहले माल ब्लॉक के एक चाय बागान इलाके में 12 वर्षीय नाबालिग से दुष्कर्म की घटना सामने आयी थी। आरोपित को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए ताकि भविष्य में फिर से ऐसी घटना ना हो। पीड़ित परिवार को न्याय मिले, पुलिस प्रशासन से हमारी मांग रहेगी। अन्य सदस्य अमृता राई ने कहा कि गत दिसंबर महीना में उदलाबाड़ी ग्राम पंचायत को साइन बोर्ड और सरकारी निर्देशिका देवनगरी लिपि में प्रकाशित करने को लेकर ज्ञापन सौंपा था परन्तु अभी तक ग्राम पंचायत की तरफ से कोई कदम नहीं उठाया गया। यहां बड़ी तादाद में गोरखा, आदिवासी, मारवाड़ी, मुस्लिम समाज के लोग निवास करते हैं।