

मुंबई : हिंदी फिल्म जगत के मशहूर अभिनेता धर्मेंद्र की मौत पर उनकी पत्नी और फिल्म अभिनेत्री हेमा मालिनी और उनकी बेटी ईशा देओल ने विराम लगा दिया है। आज सुबह न सिर्फ सोशल मीडिया बल्कि सभी प्रमुख मीडिया हाउसों ने यह खबर चला दी थी कि सांस की समस्या से अस्पताल में भर्ती हुए धर्मेंद्र की मौत हो गयी है।
सांस की तकलीफ से अस्पताल में भर्ती
89 वर्षीय धर्मेंद्र काफी समय से बीमार चल रहे थे। रात को सांस लेने में तकलीफ की समस्या के चलते उन्हें मुंबई के ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों को उन्हें वेंटिलेटर पर रखना पड़ा था। उनकी तबीयत खराब होने की खबर मिलने पर उनके बेटे बॉबी देओल से लेकर सुपरस्टार सलमान खान तथा दूसरे अभिनेता उनकी हालचाल पूछने अस्पताल गये थे। आज तड़के उनकी मौत की खबर सोशल मीडिया से लेकर चैनलों और डिजिटल मीडिया में चलने लगी। यहां तक कि लोग अपनी संवेदनाएं भी प्रकट करने लगे। लेकिन हेमा मालिनी ने एक्स पर अपने हैंडल से पोस्ट कर बताया कि धर्मेंद्र की मौत नहीं हुई है बल्कि वह रिकवरी कर रहे हैं।
हेमा ने लिखा- अपमानजनक और गैर जिम्मेदाराना
हेमामालिनी ने आज सुबह नौ बज कर 40 मिनट पर एक्स पर लिखा, 'जो हो रहा है वो अक्षम्य है! जिम्मेदार चैनल ऐसे व्यक्ति के बारे में झूठी खबर कैसे फैला सकते हैं जो इलाज का असर दिखा रहा है और ठीक हो रहा है? यह बेहद अपमानजनक और गैर जिम्मेदाराना है। कृपया परिवार और उनकी निजता की जरूरत का पूरा सम्मान करें।' धर्मेंद्र और हेमा मालिनी की बेटी ईशा देओल ने भी सोशल मीडिया पर आकर अपने पिता की मौत की खबर को गलत बताया। उन्होंने लिखा, 'लोग जल्दबाजी में गलत खबरें फैला रहे हैं। मेरे पिता ठीक हैं और रिकवरी कर रहे हैं। हम सबसे अनुरोध करते हैं कि हमारे परिवार को निजता दें। पापा की स्पीडी रिकवरी की प्रार्थना के लिए शुक्रिया।'
300 से अधिक फिल्मों में किया काम
धर्मेंद्र भारतीय सिनेमा के सबसे चहेते सुपरस्टार्स में से एक हैं। उन्होंने इस इंडस्ट्री को 300 से ज्यादा फिल्में दी हैं। उम्र के इस पड़ाव पर भी धर्मेंद्र एक्टिंग में सक्रिय रहे। धर्मेंद्र ने अपने करियर की शुरुआत 1960 में की थी, उनकी डेब्यू फिल्म 'दिल भी तेरा हम भी तेरे' थी। इसके बाद उन्होंने 'आई मिलन की बेला', 'फूल और पत्थर' आए दिन बहार के' जैसी फिल्मों में काम किया। फूल और पत्थर से उन्हें लोकप्रियता मिली। 1960-1980 के बीच उन्होंने 'आंखें', 'शिखर', 'आया सावन झूम के', 'जीवन मृत्यु', 'सीता और गीता', 'यादों की बारात', 'शोले', 'दोस्त', 'गुलामी', 'धरम वीर', 'गुलामी', 'हुकुमत', 'चरस', 'एलान ए जंग' जैसी बेहतरीन फिल्में भारतीय सिनेमा को दी।