

अहमदाबाद : पहलगाम आतंकी हमले में अपने पति और पुत्र को खोने वाली गुजरात के भावनगर की काजलबेन परमार ने बुधवार को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के लिए भारतीय सशस्त्र बलों की सराहना करते हुए सरकार से अनुरोध किया कि जब तक पाकिस्तान का सफाया नहीं हो जाता, उसके खिलाफ कार्रवाई जारी रहनी चाहिए।
‘सशस्त्र बलों को सलाम’
सूरत की रहने वाली एक अन्य महिला, जिनके पति की भी आतंकी हमले में मौत हो गयी थी, ने सेना की कार्रवाई पर खुशी जतायी और कहा कि उसे सरकार पर पूरा भरोसा है। काजलबेन परमार ने भावनगर में संवाददाताओं से कहा कि पाकिस्तान पर हवाई हमले को लेकर मुझे बहुत गर्व है। मैं सशस्त्र बलों को सलाम करती हूं। पहलगाम आतंकी हमले में उनके पति यतीश परमार और बेटे स्मित की भी मौत हो गयी थी। 22 अप्रैल के आतंकी हमले में गुजरात के तीन लोगों की मौत हो गयी थी। काजलबेन परमार ने कहा कि मेरा बेटा 12वीं कक्षा में था।
वह अक्सर मुझसे कहता था कि वह भारतीय सेना में शामिल होना चाहता है और देश के लिए लड़ना चाहता है लेकिन उससे पहले, हम मोरारी बापू की राम कथा में भाग लेने के लिए कश्मीर गये और पहलगाम गये, जहां उन लोगों ने (आतंकियों ने) मेरे बेटे और पति को मार डाला। मैं पाकिस्तान का सफाया होते देखना चाहती हूं। काजलबेन के बड़े बेटे अभिषेक परमार ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 15वें दिन पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की। अब मोदी ने उन्हें जवाब दे दिया है और मैं इस बात से खुश हूं।
‘भारत की कार्रवाई से बहुत संतुष्ट हूं’
दिवंगत शैलेश कलाथिया की पत्नी शीतलबेन कलाथिया ने संवाददाताओं से कहा कि वे पाकिस्तान के खिलाफ भारत की कार्रवाई से ‘बहुत संतुष्ट’ हैं। उन्होंने सूरत में कहा कि मोदी सरकार ने उन लोगों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए जो कुछ भी किया है, उससे मैं बहुत खुश हूं, जिन्होंने हिंदू और मुसलमान के नाम पर मेरे पति और अन्य लोगों की जान ले ली। हमें सरकार पर पूरा भरोसा है और उसने अब तक जो कुछ भी किया है, वह उचित है।