

सन्मार्ग संवाददाता
श्री विजयपुरम : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी), अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह ने भारत रत्न डॉ. बी.आर.अंबेडकर की 135वीं जयंती बड़ी श्रद्धा एवं उत्साह के साथ मनायी। यह स्मृति समारोह श्री विजयपुरम में अंबेडकर प्रतिमा के पास अंबेडकर सभागार में आयोजित किया गया, जिसमें पूरे क्षेत्र के कॉलेज के छात्रों ने सक्रिय भागीदारी की। कार्यक्रम की शुरुआत एबीवीपी के नगर सचिव सत्यजीत हलदर द्वारा गर्मजोशी से स्वागत के साथ हुई, जिन्होंने दिन की कार्यवाही की शुरुआत की। इसके बाद नगर अध्यक्ष तेजिंदर सिंह ने अपने संबोधन में इस अवसर के महत्व और देश के लिए डॉ. अंबेडकर के अमिट योगदान को रेखांकित किया। विभाग प्रमुख डॉ. कंडी मुथु ने डॉ. अंबेडकर की प्रेरक जीवन यात्रा का वर्णन किया, जिसमें उन्होंने जिन चुनौतियों का सामना किया और जिन मूल्यों को उन्होंने बनाए रखा, उन पर प्रकाश डाला। दक्षिण बंगाल के उपाध्यक्ष डॉ. संतोष कुमार झा ने इस बात पर जोर दिया कि कैसे डॉ. अंबेडकर पीढ़ियों के लिए एक शाश्वत आदर्श बने हुए हैं, खासकर समानता और न्याय के लिए प्रयास करने वाले युवाओं के लिए। वहीं रोहित शर्मा ने डॉ. अंबेडकर के जीवन में शिक्षा की केंद्रीय भूमिका और उन्होंने इसे सामाजिक परिवर्तन के लिए एक उपकरण के रूप में कैसे इस्तेमाल किया, इस बारे में भावुकता से बात की। आयुष राज, एएलसी संयोजक ने छात्रों से डॉ. अंबेडकर की दृढ़ता, बुद्धिमत्ता और न्याय के प्रति प्रतिबद्धता से प्रेरणा लेने का आग्रह किया।
कार्यक्रम का समापन एम. विनेश, सिटी ज्वाइंट सेक्रेटरी द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिन्होंने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी वक्ताओं, प्रतिभागियों और उपस्थित लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया। इस समारोह में न केवल भारतीय संविधान के निर्माता को श्रद्धांजलि दी गई, बल्कि आधुनिक भारत के समानता, शिक्षा और सामाजिक न्याय के मूल्यों को आकार देने में उनकी स्थायी विरासत की एक शक्तिशाली याद भी दिलाई गई।