

कोलकाता: एसआईआर को लेकर बंगाल की राजनीति में घमासान मचा हुआ है। घोषणा के बाद मंगलवार से ही राज्य में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) का दूसरा चरण शुरू हो गया है। इसी बीच तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को खुली चेतावनी देते हुए केंद्र सरकार तथा भाजपा पर तीखा हमला बोला है।
अभिषेक ने कहा कि एक सांसद और जनता के प्रतिनिधि के तौर पर कहता हूँ - आज नहीं तो कल, सरकार बदलेगी ज्ञानेश बाबू। देश छोड़कर मत भागिए। जहां भी जाएंगे, मैं ढूंढ निकालूंगा। जनता के सामने जवाब देना ही होगा। उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह और चुनाव आयुक्त दोनों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, प्रदीप कर की मौत के लिए अमित शाह और ज्ञानेश कुमार जिम्मेदार हैं। इनके खिलाफ एफआईआर क्यों नहीं की जा रही? आखिर और कितनी मौतें चाहिए अमित शाह और ज्ञानेश कुमार को?
अभिषेक ने यह भी कहा कि 2002 में ज्ञानेश कुमार ने दो साल में एसआईआर किया था, लेकिन अब वही काम दो महीने में कैसे पूरा हो रहा है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, क्या आपके पास कोई जादू की छड़ी है? अगर केंद्र सरकार के पास इतनी क्षमता है, तो बंगाल का चार साल से रुका हुआ बकाया पैसा एक दिन में क्यों नहीं जारी किया जा सकता? यही नहीं, अभिषेक ने ज्ञानेश कुमार की बेटी आईएएस मेधा रूपम और दामाद आईएएस मनीष बंसल की नियुक्तियों पर भी सवाल उठाये।
उनके अनुसार, एसआईआर शुरू होने के चार दिन बाद, 28 जून को मेधा रूपम को नोएडा का डीएम बनाया गया, जबकि एसआईआर नोटिफिकेशन जारी होने के एक दिन बाद, 25 जून को मनीष बंसल को सहारनपुर का डीएम नियुक्त किया गया। क्या यह केवल संयोग है? अभिषेक बनर्जी ने दावा किया कि एसआईआर के बाद भी तृणमूल की सीटें 2021 से अधिक होंगी और भाजपा को 50 सीटों तक सीमित कर दिया जाएगा।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अभिषेक का यह तीखा बयान 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले बंगाल की राजनीति में एक बड़ा संदेश दे रहा है और आने वाले दिनों में इस विवाद के और गहराने की संभावना है।