दुनिया का कोई भी धर्म आस्था के नाम पर हिंसा नहीं सिखाता : अभिषेक
कोलकाता: जकार्ता में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में संसदीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य तथा तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक बनर्जी ने भारत की ओर से आतंकवाद के विरुद्ध स्पष्ट और सख्त रुख प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा, बाहरी ताकतों की तमाम साजिशों के बावजूद हमारा देश एकजुट है। दुनिया का कोई भी धर्म आस्था के नाम पर हिंसा नहीं सिखाता।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आतंकवाद के खिलाफ़ रणनीति बनाने का आह्वान
अपने संबोधन में अभिषेक ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का उल्लेख करते हुए पाकिस्तान की भूमिका को उजागर किया। उन्होंने कहा, भारत और पाकिस्तान दोनों को एक ही साल में आज़ादी मिली थी-सिर्फ़ एक दिन का अंतर था लेकिन अगर आप देखें तो भारत बहुत आगे है। हमारी अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने के लिए पाकिस्तान ने जानबूझकर पहलगाम में हमला करवाया। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आतंकवाद के खिलाफ़ साझा रणनीति बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, हम यहां यह स्पष्ट संदेश देने आए हैं कि आतंक के खिलाफ एक वैश्विक मोर्चा बनाया जाए और पाकिस्तान की भूमिका सामने लायी जाये।
राष्ट्रीय हित के मामलों में सभी दल एकजुट हैं
भारत की ओर से सात देशों में अलग-अलग प्रतिनिधिमंडल भेजे जाने को उन्होंने आतंकवाद के मुद्दे पर भारत की गंभीरता का प्रतीक बताया। अभिषेक ने कहा कि वे भारत की दूसरी सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी से हैं, लेकिन राष्ट्रीय हित के मामलों में सभी दल एकजुट हैं। उन्होंने भारत की सांस्कृतिक विरासत का हवाला देते हुए बताया कि हम गांधी, बुद्ध और नेताजी की धरती से आते हैं जहां हिंसा का कोई स्थान नहीं है। हमने पिछले 50 सालों से पाकिस्तान के साथ बातचीत की पहल की है। प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति बदल गये हैं, लेकिन एक चीज स्थिर है - आतंकवाद पर पाकिस्तान का रुख। 22 अप्रैल के हमले के बाद भारत ने केवल आतंकी ढांचे पर सटीक जवाबी कार्रवाई की, जिससे किसी आम नागरिक को नुकसान नहीं पहुंचा। उन्होंने कहा कि आतंकवाद अब केवल भारत की नहीं, बल्कि वैश्विक समस्या बन चुका है। उन्होंने 9/11 और 26/11 जैसे हमलों का हवाला देते हुए पाकिस्तान को आतंक का गढ़ बताया। अंत में अभिषेक ने अपील की, आइए, इस वैश्विक संकट के खिलाफ मिलकर खड़े हों और आतंकवाद का स्थायी समाधान खोजें।

