

डायमंड हार्बरः तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद अभिषेक बनर्जी ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस आरोप पर पलटवार किया कि विपक्ष संसद को चुनावी हार के बाद ‘हताशा निकालने का मंच’ बना रहा है।
बनर्जी ने कहा कि विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और अन्य शासन संबंधी मुद्दों पर जवाबदेही की मांग को ड्रामेबाजी कहकर खारिज नहीं किया जा सकता।
चुनाव में बीजेपी को मिलेगा जवाब
बनर्जी की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब कुछ ही घंटे पहले प्रधानमंत्री द्वारा शीतकालीन सत्र से पहले संसद के बाहर संवाददाताओं से कहा गया कि सदन ‘ड्रामा’ करने की जगह नहीं है, यह काम करने की जगह है’ और उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि विपक्ष ने संसद को चुनावी हार के बाद हताशा निकालने का मंच बना दिया। तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बनर्जी ने कहा कि विपक्ष ने केवल एसआईआर पर औपचारिक बहस की मांग की थी, जिसके बारे में उन्होंने दावा किया कि कथित प्रक्रियागत खामियों के कारण पहले ही ‘बीएलओ सहित लगभग 40 मौतें’ हो चुकी हैं।
तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा, ‘‘विपक्ष एसआईआर पर बहस की मांग कर रहा है। क्या यह ‘ड्रामा’ है? अगर लोगों की आवाज उठाना ‘ड्रामा’ है तो लोग अगले चुनाव में उन्हें जवाब देंगे।’’
निर्वाचन आयोग पर SIR के लिए साधा निशाना
तृणमूल कांग्रेस सांसद ने निर्वाचन आयोग को ‘अनियोजित और गड़बड़ियों से भरी’ पुनरीक्षण प्रक्रिया के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि बीएलओ को न तो प्रशिक्षित किया गया है और न ही कार्यभार संभालने के लिए सुसज्जित किया गया है। बनर्जी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर विभिन्न क्षेत्रों में जिम्मेदारी से बचने और कुछ खास मुद्दों पर ही आगे आने का आरोप लगाया।
बनर्जी ने कहा, ‘‘10 साल पहले नोटबंदी के दौरान लोग लंबी-लंबी कतारों में खड़े थे। काले धन का प्रवाह बढ़ गया है। जवाबदेही कहां है? विस्फोट हो रहे हैं और आतंकवादी देश में घुस रहे हैं। फिर जवाबदेही कहां है?’’
अभिषेक ने किया पहलगाम हमले पर सवाल
बनर्जी ने जोर देकर कहा कि विपक्ष सरकार और निर्वाचन आयोग पर सवाल उठाकर ‘संवैधानिक’ तौर पर काम कर रहा है। पहलगाम आतंकी हमले के दौरान कथित चूक का जिक्र करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार चुनिंदा तरीके से यह तय नहीं कर सकती कि वैध जांच क्या है। उन्होंने कहा, ‘‘हम पहलगाम पर, एसआईआर से जुड़ी 40 मौतों पर सवाल उठा रहे हैं और भाजपा सोचती है कि यह ‘ड्रामा’ है? हम एसआईआर के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि जिस तरीके से इसे अंजाम दिया जा रहा है उसके खिलाफ हैं।’’