बच्चों के साथ दो और लोग बचाये गये
स्टुडियो में ही 17 बच्चों को बंधक बना लिया
क्या चाहता था यह स्पष्ट नहीं हुआ
पुलिस को शक: मानसिक रूप से बीमार था
मुंबई : मुंबई के पवई इलाके में गुरुवार को एक स्टूडियो के अंदर 17 बच्चों और दो व्यक्तियों को बंधक बनाने का अभियुक्त बंधकों को मुक्त कराने के लिए चलाये गये अभियान के दौरान पुलिस गोलीबारी में मारा गया।
ऑडिशन के लिए आये 17 बच्चों को बंधक बना लिया
मुंबई पुलिस के संयुक्त आयुक्त (कानून-व्यवस्था) सत्यनारायण ने बताया कि बच्चों को बंधक बनाने के अभियुक्त की पहचान रोहित आर्य के रूप में हुई। सभी बच्चे सुरक्षित मुक्त कराये गये और उन्हें उनके अभिभावकों को सौंप दिया गया है। गुरुवार दोपहर L&T बिल्डिंग के पास RA स्टूडियो में एक घंटे से ज्यादा समय तक नाटकीय स्थिति बनी रही। सत्यनारायण के अनुसार आर्य ने लगभग 15 वर्ष की आयु के लड़कों और लड़कियों को गुरुवार शाम एक वेब सीरीज के ‘ऑडिशन’ के लिए बुलाया था। उसने ऑडिशन के लिए आये 17 बच्चों को बंधक बना लिया।
पुलिस ने तुरंत इलाके की घेराबंदी कर दी
इस दौरान इलाके में काफी अफरातफरी मच गयी। पुलिस ने तुरंत एक्शन लेते हुए पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी। पुलिस ने पहले रोहित से बातचीत करने की कोशिश की, इसके बाद फोर्स एंट्री करके बच्चों को सुरक्षित निकाला गया। गौरतलब है कि रोहित ने बच्चों को बंधक बनाने के बाद कहा था कि उसने सुसाइड करने की जगह दूसरा प्लान बनाया था। उसने बच्चों को बंधक बना लिया। उसने कहा था कि उसे कुछ जवाब चाहिए। वह कुछ सवाल पूछना चाहता है। उसने यह भी कहा था कि वह न तो आतंकी है और न ही उसकी पैसों की डिमांड है। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि आर्य मानसिक रूप से अस्थिर लग रहा था।
करीब 100 बच्चे ऑडिशन के लिए आये थे
पुलिस के अनुसार RA स्टूडियो में करीब 100 बच्चे ऑडिशन के लिए आये थे। इसी दौरान करीब 17 बच्चों को बंधक बना लिया गया था। इसकी खबर मिलते ही हड़कंप मच गया था। तुरंत स्पेशल ऑपरेशन शुरू कर दिया गया। पुलिस टीमें और कमांडो मौके पर पहुंच गये और स्पेशल ऑपरेशन के लिए सामान मौके पर लाया गया था। स्पेशल कमांडो ने हरकत में आते हुए अपना ऑपरेशन शुरू किया था। और इस ऑपरेशन के दौरान ही सभी बच्चों को सही सलामत रिहा कराया गया था।
आर्य के पास थे कुछ रसायन और ‘एअर गन’
पुलिस उपायुक्त दत्ता नलावडे ने बताया कि आर्य के पास एक ‘एअर गन’ और कुछ रसायन भी थे। पुलिस को दोपहर करीब एक बजकर 45 मिनट पर सूचना मिली कि महावीर क्लासिक बिल्डिंग में RA स्टूडियो के अंदर एक व्यक्ति ने बच्चों को बंधक बना लिया है। उन्होंने बताया कि पवई पुलिस के अधिकारी त्वरित प्रतिक्रिया दल (QRT), बम निरोधक दस्ते और दमकल विभाग की एक टीम के साथ मौके पर पहुंचे। नलावडे ने बताया कि आर्या ने पुलिस पर फायरिंग की थी। इसके बाद पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई की। इसी जवाबी फायरिंग में रोहित घायल हो गया। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी।
सरकारी प्रोजेक्ट में फंसा था रोहित का पैसा!
सूत्रों के अनुसार रोहित आर्या ने बच्चों को बंधक इसलिए बनाया था क्योंकि सरकारी प्रोजेक्ट में फंसा उसका पैसा उसे वापस नहीं मिला था। इसी बीच रोहित आर्या का सोशल मीडिया पर मौजूद एक्सक्लूसिव लेटर सामने आया है।
रोहित ने लेटर में क्या लिखा?
'साल 2013 से मैं Project Let's Change (PLC) चला रहा हूं; महाराष्ट्र में इसका शुभारंभ मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस ने 2015 में किया था। 2022 में मैंने PLC के ‘स्वच्छता मॉनिटर’ चरण की संकल्पना की। एक Social Entrepreneur होने के नाते, मैंने अपने खर्चे पर 5000 से अधिक स्कूलों में यह प्रकल्प चलाया और इसका प्रभाव तथा परिणाम सिद्ध किया।
2023–24 में मेरे प्रस्ताव को मंजूरी मिली। मुख्यमंत्री ‘माझी शाळा सुंदर शाळा’ अभियान में सबसे अधिक अंक स्वच्छता मॉनिटर को दिये गये। मुख्यमंत्री श्री एकनाथ शिंदे ने PLC स्वच्छता मॉनिटर अभियान का लोकार्पण किया।
संकल्पना मेरी, उसे प्रभावी साबित करने के लिए निवेश मेरा, अभियान का नाम मेरा, प्रस्ताव मेरा, कार्यान्वयन के लिए मेहनत मेरी — परंतु पैसा किसी और को?
जब मैंने गड़बड़ी की ओर ध्यान दिलाया, तब काम के दौरान ही जानबूझकर भ्रम और गोंधल (अराजकता) पैदा की गयी।
2024–25 में मैंने नया प्रस्ताव दिया, लेकिन मुझसे संपर्क किए बिना ही मेरे ‘स्वच्छता मॉनिटर’ अभियान को सीधे ‘मुख्यमंत्री माझी शाळा सुंदर शाळा 2024–25’ में शामिल कर लिया गया।
न्याय पाने के लिए लगातार तीन महीने तक अनशन करने के बाद सिर्फ 25% भुगतान मंत्री महोदयों ने व्यक्तिगत चेकों द्वारा किया। बाकी भुगतान अगले तीन वर्षों में PLC स्वच्छता मॉनिटर प्रस्ताव की मंजूरी के साथ देने का आश्वासन दिया गया।
प्रधान सचिव और मा। मंत्री श्री दादाजी भुसे से मिलने के कई प्रयास निष्फल रहे।
अब न्याय पाने के लिए फिर से अनशन के अलावा कोई रास्ता नजर नहीं आता।'
वीडियो जारी कर बतायी थी मांग
रोहित आर्या ने एक वीडियो जारी कर पुलिस को अपनी मांग बतायी थी। उसने कहा था कि वो कुछ लोगों से बात करना चाहता है। उसने कहा था कि उसकी मांगें नैतिक हैं। न तो वह आतंकवादी है और न ही इसे पैसों की डिमांड है।उसने प्लान के तहत बच्चों को बंधक बनाया था। यह वीडियो आरोपी को पुलिस हिरासत में लिए जाने से पहले का था।