Aamir Khan की 'लगान' को Oscars Academy ने किया सम्मानित

फिल्म के गाने को मिला स्पेशल मेंशन
Aamir Khan की 'लगान' को Oscars Academy ने किया सम्मानित
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नई दिल्ली - आमिर खान और ग्रेसी सिंह की मशहूर फिल्म लगान को रिलीज़ हुए 24 साल हो चुके हैं, लेकिन इसे आज भी दुनियाभर में सराहना मिल रही है। हाल ही में ऑस्कर अवॉर्ड देने वाली संस्था द एकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंसेज ने इस फिल्म की प्रशंसा की है। एकेडमी ने अपने ऑफिशियल इंस्टाग्राम अकाउंट पर फिल्म के प्रसिद्ध गीत *"राधा कैसे न जले"* का एक क्लिप साझा किया और इसके सांस्कृतिक व ऐतिहासिक महत्व को सराहा। इस गीत को आशा भोसले और उदित नारायण ने आवाज़ दी थी।

लगान फिल्म की कहानी और सम्मान

लगान, जो 2001 में रिलीज़ हुई थी, एक पीरियड स्पोर्ट्स ड्रामा फिल्म है जिसे आशुतोष गोवारीकर ने निर्देशित किया था। इस फिल्म में आमिर खान ने न सिर्फ मुख्य किरदार निभाया, बल्कि इसके निर्माता भी थे। फिल्म में ग्रेसी सिंह, सुहासिनी मुलाय, कुलभूषण खरबंदा, रघुबीर यादव, राजेंद्र गुप्ता, और ब्रिटिश कलाकार रेचल शेली और पॉल ब्लैकथॉर्न जैसे प्रतिभाशाली अभिनेता शामिल थे। कहानी 1893 के ब्रिटिश शासन काल में बसे एक गांव की है, जहां लोग सूखे और भारी कर के बोझ से जूझ रहे हैं। आमिर खान द्वारा निभाया गया 'भुवन' नाम का किरदार गांव के लोगों को एक ब्रिटिश अफसर के खिलाफ क्रिकेट मैच खेलने के लिए प्रेरित करता है, ताकि वे टैक्स से छुटकारा पा सकें। फिल्म को इसकी दमदार कहानी, शानदार संगीत और बेहतरीन अभिनय के लिए खूब सराहा गया। लगान को 74वें ऑस्कर अवॉर्ड्स में 'बेस्ट फॉरेन लैंग्वेज फिल्म' के लिए नामांकित किया गया था, जो भारतीय सिनेमा के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जाती है।

फैंस में को याद आए पुराने दिन

एकेडमी के पोस्ट ने फैंस में नॉस्टैल्जिया जगा दिया। एक फैन ने लिखा, “लगान पूरी तरह से आइकॉनिक है: कहानी, डायलॉग, सिनेमैटोग्राफी, म्यूजिक और शानदार परफॉर्मेंस।” एक अन्य ने कहा, “यह गाना और डांस लाजवाब है।” फैंस ने फिल्म के म्यूजिक, खासकर ए.आर. रहमान के स्कोर और जावेद अख्तर के गीतों की तारीफ की। एक कमेंट में लिखा, “हिंदू प्रार्थना गाना, जिसे मुस्लिम कलाकारों ने गाया, लिखा और कंपोज किया। यही है भारत की खूबसूरती।”

लगान के बारे में..

लगान ने न सिर्फ भारत में बल्कि विदेशों में भी धूम मचाई। यह तीसरी भारतीय फिल्म थी, जिसे ऑस्कर में बेस्ट फॉरेन लैंग्वेज फिल्म के लिए नामांकित किया गया, मदर इंडिया और सलाम बॉम्बे के बाद। भले ही यह ऑस्कर नहीं जीत सकी, लेकिन इसने भारतीय सिनेमा को वैश्विक मंच पर चमकाया।

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