निधि, सन्मार्ग संवाददाता
बनगांव : बनगांव निवासी प्रसेनजीत चौधरी अपनी पत्नी को बांग्लादेश के जेल से वापस लाने के लिए दर-दर भटक रहा है। उन्होंने दिल्ली में केंद्र सरकार के कई विभागों में आवेदन दिया है, लेकिन उनका आरोप है कि अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। प्रसेनजीत का कहना है कि उनकी पत्नी फाल्गुनी रॉय एक भारतीय नागरिक है, जो वैध तरीके से बांग्लादेश गई थी और वहां मुसीबत में फंस गईं। प्रसेनजीत चौधरी के अनुसार, फाल्गुनी का पहला विवाह एक ऐसे व्यक्ति से हुआ था, जो भारतीय पहचान का उपयोग करता था लेकिन वास्तव में वह बांग्लादेशी था। शादी के कुछ साल बाद वह बेटे के साथ बांग्लादेश भाग गया। बाद में फाल्गुनी ने प्रसेनजीत से शादी कर ली। युवक का आरोप है कि साल 2023 में, फाल्गुनी अपने बेटे के बारे में पता लगाने के लिए वैध भारतीय पासपोर्ट और वीजा लेकर पेट्रापोल सीमा के जरिए बांग्लादेश गई। वहां उसके पहले पति ने कथित तौर पर उसके सभी वैध भारतीय पहचान पत्र छीन लिए और उसे जान से मारने की धमकी दी।
दस्तावेज छीन लिये जाने के बाद बंद है जेल में !
प्रसेनजीत ने बताया कि जान बचाने के लिए फाल्गुनी ने बांग्लादेशी सीमा बल (BGB) के पास शरण ली, लेकिन वैध दस्तावेज नहीं होने के कारण बांग्लादेश पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। प्रसेनजीत ने बाद में बांग्लादेश पहुंचकर स्थानीय प्रशासन और अदालत को फाल्गुनी के वैध दस्तावेज दिखाए। उनके अनुसार दस्तावेजों को देखने के बाद अदालत ने सजा माफ कर दी, फिर भी फाल्गुनी अब भी जेल में बंद हैं। प्रसेनजीत चौधरी ने दावा किया कि भारत लौटने के बाद उन्होंने विदेश मंत्रालय, जिला मजिस्ट्रेट और एसपी कार्यालय में फाल्गुनी को वापस लाने के लिए कई बार अपील की है, लेकिन कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई है। इस चिंता में कि वह अपनी पत्नी को वापस ला पाएंगे या नहीं, उनकी रातों की नींद उड़ गई है।