सन्मार्ग संवाददाता
मालदा : 72 घंटे तक निजी अस्पताल में भर्ती रहे मृत युवक के परिजनों को बेल पहाड़ स्वास्थ्य विभाग के हस्तक्षेप के बाद शव सौंपा गया। मालदा के कालियाचक थाने में एक निजी अस्पताल पर मृत युवक का इलाज करने का आरोप लगा है। आखिरकार निजी अस्पताल में हुई ऐसी घटना का पर्दा तब उठा जब जिला स्वास्थ्य विभाग में ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई गई। इस तरह की घटना के बाद पूरे मालदा जिले में सनसनी फैल गई है। पुलिस और जिला स्वास्थ्य विभाग ने शव को मालदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेज दिया है और जांच शुरू कर दी है। पारिवारिक व पुलिस सूत्रों के अनुसार मृत युवक का नाम सकीरुल इस्लाम (24) है। उसे पित्त की पथरी के इलाज के लिए मालदा जिले के कालियाचक थाना क्षेत्र के सुजापुर स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसे शुक्रवार को भर्ती कराया गया था। उस निजी अस्पताल में ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर ने माइक्रोसर्जरी के जरिए पित्ताशय की थैली का ऑपरेशन करने का सुझाव दिया। उस सलाह पर, मानिकचक कॉलेज के द्वितीय वर्ष के छात्र सकीरुल ने शनिवार को सर्जरी कराने पर सहमति जताई। सर्जरी भी शनिवार शाम को हुई लेकिन उनके परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया किउसकी मौत ऑपरेशन टेबल पर ही हो गई। फिर भी निजी अस्पताल के अधिकारियों ने मामले को छिपाया और परिवार के सदस्यों को बताया कि ऑपरेशन के बाद सकीरुल बेहोश हो गया था। उसे आईसीयू में रखा गया। इसके बाद परिवार के सदस्यों को सकीरुल से मिलने नहीं दिया गया। यहां तक कि डॉक्टर ने भी परिवार वालों को बताया कि सकीरुल ठीक है। तीन दिन बीत जाने के बाद भी निजी अस्पताल के अधिकारियों ने परिवार को सकीरुल से कोई संपर्क नहीं करने दिया। ऐसे में सकीरुल के परिवार वालों को शक हुआ। मजबूर होकर परिजनों ने जिला स्वास्थ्य विभाग में ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद जिला स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी जांच के लिए निजी अस्पताल पहुंचे। जब वे वहां गए तो स्वास्थ्य विभाग के प्रतिनिधियों को पता चला कि सकीरुल की मौत हो चुकी है। फिर परिवार वालों ने पूरे मामले की शिकायत कालियाचक थाने में की। जांच शुरू हो गई है। पुलिस ने उसका शव बरामद कर मंगलवार को पोस्टमार्टम के लिए मालदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेज दिया। निजी अस्पताल के अधिकारियों ने कहा कि सभी आरोप निराधार हैं।
मालदा के जिलाधिकारी ने कहा
इस संबंध में मालदा के जिलाधिकारी नितिन सिंघानिया ने कहा कि शिकायत मिलते ही जिला निगरानी दल निजी अस्पताल गया। उन्होंने मामले की जांच शुरू कर दी है। इससे पहले हमने शिकायतों के आधार पर कई निजी अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई की है। स्वास्थ्य व्यवस्था में किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
दक्षिण मालदा जिला भाजपा अध्यक्ष अजय गांगुली ने कहा कि पश्चिम बंगाल में स्वास्थ्य व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। इसीलिए निजी अस्पतालों में ऐसी योजनाएं सक्रिय हो रही हैं। वे शवों को दो-तीन दिन तक अपने पास रख रहे हैं और बिल बढ़ा रहे हैं। जिला प्रशासन, मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी और जिलाधिकारी को तत्काल इस गिरोह पर कड़ी कार्रवाई कर नकेल कसनी चाहिए अन्यथा भाजपा इसके खिलाफ आंदोलन शुरू करेगी।
जिला तृणमूल प्रवक्ता आशीष कुंडू ने कहा कि भाजपा की शिकायतों को सुनने का कोई मतलब नहीं है। भाजपा शासित राज्यों से लोग यहां इलाज के लिए आते हैं, क्योंकि बंगाल में स्वास्थ्य व्यवस्था बहुत अच्छी है। स्वास्थ्य विभाग में बैठे लोग शिकायत की उचित जांच करेंगे और त्वरित कार्रवाई करेंगे।