सोनागाछी में हज़ारों यौनकर्मियों के लिए मंगलवार को लगेगा विशेष SIR कैंप !

A special SIR camp will be organised for thousands of sex workers in Sonagachi on Tuesday.
सांकेतिक फोटो
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निधि, सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता: कोलकाता के सोणागाछी इलाके और उससे जुड़ी लगभग 40 हज़ार से अधिक यौनकर्मी वर्तमान में चल रही संक्षिप्त पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया को लेकर गहरी चिंता में हैं। इस प्रक्रिया की शुरुआत से ही, ये यौनकर्मी अपने नागरिक अधिकारों और मतदाता सूची में नामों को सुनिश्चित करने के लिए विशेष कैंप की लगातार मांग कर रही हैं। अपनी पूर्व की समस्याओं को देखते हुए, उन्हें डर है कि दस्तावेज़ों की कमी या प्रक्रियागत जटिलताओं के कारण कहीं उनका नाम मतदाता सूची से बाहर न छूट जाए। आखिरकार, उन्हें प्रशासन से विशेष कैंप लगाने का आश्वासन मिला है, और अब उनका इंतजार जल्द ही खत्म होने की संभावना है।

'दुर्बार महिला समन्वय समिति' की अध्यक्ष विशाखा लश्कर ने बताया कि उन्होंने हाल ही में जिला चुनाव अधिकारी (DEO) और चुनाव पंजीकरण अधिकारी (ERO) से विस्तार से बात की है। बातचीत के बाद यह तय किया गया है कि अगले मंगलवार को सोणागाछी के दो वार्डों (18 और 26) में कुल तीन स्थानों पर विशेष कैंप की व्यवस्था की जाएगी। 18 नंबर वार्ड में दो जगहों पर और 26 नंबर वार्ड में एक जगह पर ये कैंप लगाए जाएंगे, जहाँ अधिकारी स्वयं मौजूद रहेंगे।

इन कैंपों का प्राथमिक उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होगा कि किसी भी यौनकर्मी का नाम मतदाता सूची से बाहर न छूटे। अधिकारी व्यक्तिगत रूप से प्रत्येक यौनकर्मी द्वारा भरे गए एन्युमरेशन फॉर्म की सटीकता की जाँच करेंगे और दस्तावेज़ीकरण से संबंधित उनकी समस्याओं को सुनकर मौके पर ही उनका समाधान करने का प्रयास करेंगे।

विशेष कैंप से राहत के इंतजार में हजारों सेक्स वर्कर्स

एईआरओ (सहायक चुनाव पंजीकरण अधिकारी) विश्वनाथ प्रधान ने पुष्टि की कि 166-श्यामपुकुर विधानसभा क्षेत्र के सोणागाछी में ये तीन कैंप आयोजित किए जाएंगे। चुनाव आयोग के अधिकारी यहाँ यौनकर्मियों की समस्याओं को सुनेंगे और उन्हें हरसंभव सहायता प्रदान करेंगे ताकि उनका नाम मतदाता सूची में दर्ज हो सके।

विशाखा लश्कर ने इस संदर्भ में ऐतिहासिक पृष्ठभूमि की याद दिलाते हुए कहा कि यह 2002 में दुर्बार के अथक प्रयासों का ही परिणाम था कि यहाँ की महिलाओं को पहली बार वोट देने का अधिकार मिला था। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि अभी भी कई यौनकर्मियों के नाम मतदाता सूची में दर्ज नहीं हैं, जिसका कारण उनके पास अपने पैतृक दस्तावेज़ों का अभाव होना है।

दुर्बार समिति, सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) के 2022 के फैसले का हवाला दे रही है, जिसमें यह स्पष्ट कहा गया था कि यौनकर्मियों को उनके पेशे को सार्वजनिक किए बिना नागरिकता संबंधी अधिकार प्रदान किए जाने चाहिए। सोणागाछी की हज़ारों यौनकर्मी अब इन्हीं कैंपों और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आलोक में अपनी नागरिकता सुनिश्चित होने की उम्मीद कर रही हैं। यह कैंप हज़ारों महिलाओं के लिए पहचान के संकट को समाप्त करने की दिशा में एक बड़ा और महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।

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