

श्रीनगरः चुनाव आयोग और केंद्र सरकार पर वोट चोरी का आरोप लगाकर लगातार हमला करने वाली कांग्रेस को आज उस समय असहज स्थिति का सामना करना पड़ा, जब जम्मू कश्मीर में उसकी सहयोगी पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस ने इस मुद्दे से खुद को अलग कर लिया।
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस द्वारा उठाए गए "वोट चोरी" के मुद्दे से सोमवार को खुद को अलग कर लिया और कहा कि विपक्षी दलों के गठबंधन “इंडिया” का इससे कोई लेना-देना नहीं है।”
इससे एक दिन पहले कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने राष्ट्रीय राजधानी में 'वोट चोर गद्दी छोड़' रैली में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और निर्वाचन आयुक्तों पर हमला करते हुए आरोप लगाया कि "वोट चोरी" सत्ताधारी पार्टी के डीएनए में है और उसके नेता "गद्दार" हैं जो लोगों के मतदान के अधिकार को छीनने की साजिश रच रहे हैं और उन्हें सत्ता से हटाया जाना चाहिए।
कांग्रेस के मुद्दे पर हम कहने वाले कौन
अब्दुल्ला की नेशनल कॉन्फ्रेंस विपक्षी ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (‘इंडिया’) गठबंधन में एक घटक है। लोकसभा में विपक्षी सांसदों की संख्या के हिसाब से कांग्रेस गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी है।
कांग्रेस द्वारा उठाए जा रहे “वोट चोरी” और कथित चुनावी अनियमितताओं के मुद्दे पर टिप्पणी करने के लिए कहे जाने पर अब्दुल्ला ने कहा, “ ‘इंडिया’ गठबंधन का इससे कोई लेना-देना नहीं है। हर राजनीतिक दल को अपना एजेंडा तय करने की स्वतंत्रता है। कांग्रेस ने 'वोट चोरी' और एसआईआर (मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण) को अपना मुख्य मुद्दा बनाया है। हम उन्हें कुछ कहने वाले कौन होते हैं?”
कांग्रेस ने दावा किया है कि उसने "वोट चोरी" के खिलाफ लगभग छह करोड़ हस्ताक्षर एकत्र किए हैं और वह इन्हें भारत के राष्ट्रपति को सौंपेगी।