

सन्मार्ग संवाददाता
श्री विजयपुरम : द्वीपसमूह के दूरदराज क्षेत्रों में पशुधन उत्पादकता बढ़ाने और दुग्ध किसानों की आजीविका सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए मुख्य सचिव डॉ. चंद्र भूषण कुमार ने मंगलवार को उत्तर एवं मध्य अंडमान के डिगलीपुर तहसील स्थित नबाग्राम गांव में “पशु पुष्टीकरण किट” पायलट परियोजना का वर्चुअल शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्य सचिव ने विभाग की अभिनव पहल की सराहना करते हुए कहा कि पायलट परियोजना की सफलता से इसे द्वीपसमूह के सभी दुग्ध उत्पादक गांवों में विस्तारित किया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिया कि दूध की गुणवत्ता और मात्रा में वृद्धि से होने वाले वित्तीय लाभ सीधे किसानों तक पहुंचाए जाएं। पशुपालन एवं पशु चिकित्सा सेवाएं विभाग द्वारा परिकल्पित और क्रियान्वित यह पहल पशुओं में कुपोषण से जुड़ी बांझपन की समस्या का समाधान करती है, जो द्वीपसमूह में दूध उत्पादन में एक बड़ी बाधा बनकर उभरी है।
जून से सितंबर 2025 के बीच आयोजित 168 सामूहिक बांझपन उपचार शिविरों के सर्वेक्षण में यह पाया गया कि लगभग 24 प्रतिशत मामलों में कुपोषण मुख्य कारण है, जबकि उत्तर एवं मध्य अंडमान में यह आंकड़ा 47.75 प्रतिशत तक है। 174 गांवों में जांच किए गए 4,917 पशुओं में से 1,140 मामलों में कुपोषण पाया गया। विभाग का अनुमान है कि बेहतर पोषण से प्रतिवर्ष लगभग 15 लाख लीटर अतिरिक्त दूध उत्पादन संभव होगा। लगभग 210 रुपये की लागत वाली इस किट में खनिज मिश्रण, मिनरल ब्लॉक, आयुर्वेदिक पाचन उत्तेजक, प्रोबायोटिक, प्रोटीन या कैल्शियम सप्लीमेंट और सघन चारा शामिल है। नबाग्राम गांव को इसके दूरस्थ स्थान, पशु संख्या और एएनआईआईडीसीओ को दूध आपूर्ति के कारण पायलट परियोजना के लिए चुना गया है। विभाग ने मुख्य सचिव के निरंतर सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया।