

निधि, सन्मार्ग संवाददाता
बनगांव/बागदा: विदेशी धरती पर सुनहरे भविष्य का सपना दिखाकर युवाओं की गाढ़ी कमाई हड़पने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश करते हुए बागदा थाना पुलिस ने एक शातिर जालसाज को गिरफ्तार किया है। जर्मनी में आकर्षक नौकरी दिलाने का झांसा देकर एक युवक से 15 लाख रुपये की मोटी रकम वसूलने और फिर फरार हो जाने के आरोप में वासुदेव अधिकारी नामक व्यक्ति को उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया गया है। यह कार्रवाई पुलिस के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है क्योंकि आरोपी गिरफ्तारी से बचने के लिए लगातार अपने ठिकाने बदल रहा था।
पुलिस सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, गिरफ्तार अभियुक्त वासुदेव अधिकारी मूल रूप से उत्तर 24 परगना जिले के बागदा थाना अंतर्गत अकंदतला इलाके का निवासी है। स्थानीय स्तर पर उसकी पहचान एक रसूखदार और संपन्न व्यक्ति के रूप में थी। वह अक्सर काम के सिलसिले में उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में प्रवास पर रहता था, जिसकी आड़ में उसने धोखाधड़ी का जाल फैलाया हुआ था।
ठगी का यह मामला तब प्रकाश में आया जब अशोकनगर के रहने वाले राजा भट्टाचार्य नामक एक युवक ने पुलिस में लिखित शिकायत दर्ज कराई। राजा के अनुसार, वासुदेव ने उसे जर्मनी में एक प्रतिष्ठित कंपनी में अच्छी तनख्वाह वाली नौकरी दिलाने का वादा किया था। इस प्रक्रिया के नाम पर वीजा, प्रोसेसिंग फीस और अन्य खर्चों के बहाने वासुदेव ने किस्तों में लगभग 15 लाख रुपये ऐंठ लिए। महीनों बीत जाने के बाद भी जब न तो नौकरी का बुलावा आया और न ही वीजा मिला, तो राजा को संदेह हुआ।
जब पीड़ित ने अपने पैसे वापस मांगे, तो आरोपी वासुदेव ने उसे डराना-धमकाना शुरू कर दिया और बाद में पैसे देने से पूरी तरह इनकार कर दिया। मामला पुलिस तक पहुंचने की भनक लगते ही वह अपना घर छोड़कर उत्तर प्रदेश भाग गया। बागदा थाना पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एक विशेष टीम का गठन किया।
जांच अधिकारियों ने तकनीकी सर्विलांस और मोबाइल टावर लोकेशन की मदद से आरोपी का पीछा किया। आखिरकार, पुलिस को उसकी सटीक लोकेशन उत्तर प्रदेश में मिली, जिसके बाद एक टीम ने वहां छापेमारी कर उसे गिरफ्तार कर लिया। आरोपी को कानूनी प्रक्रिया के तहत ट्रांजिट रिमांड पर पश्चिम बंगाल लाया गया और बुधवार को बनगांव उप-मंडल न्यायालय में पेश किया गया।
पुलिस अधिकारियों का मानना है कि वासुदेव इस गोरखधंधे का इकलौता खिलाड़ी नहीं है। शुरुआती जांच में यह संकेत मिले हैं कि उसने केवल जर्मनी ही नहीं, बल्कि जापान और अन्य यूरोपीय देशों में भी नौकरी दिलाने के नाम पर क्षेत्र के कई अन्य बेरोजगार युवाओं से लाखों रुपये वसूले हैं। पुलिस अब इस बात की तफ्तीश कर रही है कि क्या वह किसी अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी या फर्जी वीजा रैकेट का हिस्सा है।
अदालत में पेशी के दौरान पुलिस ने आरोपी की अधिक दिनों की हिरासत मांगी है ताकि ठगी गई राशि की बरामदगी की जा सके और उन अन्य पीड़ितों का पता लगाया जा सके जो अब तक डर या संकोच के कारण सामने नहीं आए हैं। इस गिरफ्तारी के बाद इलाके के उन युवाओं में उम्मीद जगी है जो विदेश जाने के नाम पर अपनी मेहनत की कमाई गंवा चुके हैं।