

निधि, सन्मार्ग संवाददाता
बनगांव: उत्तर 24 परगना जिले के सीमावर्ती क्षेत्र बागदा में मानवता और विश्वास को शर्मसार करने वाला एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। पड़ोसियों का भरोसा जीतकर उनकी जमा-पूंजी डकारने वाली आरोपी महिला सोनाली राय को आखिरकार पुलिस ने सात समंदर पार नहीं, बल्कि देश के दूसरे छोर उत्तराखंड से गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी उन गरीब महिलाओं के लिए इंसाफ की एक उम्मीद लेकर आई है, जिनकी रातों की नींद इस धोखे ने उड़ा दी थी।
बागदा थाना अंतर्गत कुजरबागी गांव की निवासी सोनाली राय ने अपनी ठगी के लिए किसी बड़े बिजनेसमैन को नहीं, बल्कि अपने ही आसपास रहने वाली उन भोली-भाली महिलाओं को निशाना बनाया, जो पाई-पाई जोड़कर अपना भविष्य संवार रही थीं। सोनाली ने बेहद शातिराना तरीके से इन महिलाओं के बीच अपनी पैठ बनाई। उसने कभी अपने बेटे के स्कूल एडमिशन की दुहाई दी, तो कभी अपने पोते की गंभीर बीमारी का वास्ता देकर लोगों की सहानुभूति बटोरी। कहीं उसने जमीन खरीदने के नाम पर निवेश का झांसा दिया, तो कहीं निजी मजबूरी बताकर उधार लिया। गांव की करीब 15 से 20 महिलाएं उसके इस भावनात्मक जाल में फंस गईं और अपनी मेहनत की कमाई उसके हाथों में सौंप दी।
इस पूरे मामले में सबसे दर्दनाक कहानी शिप्रा राय की है। शिप्रा एक बीड़ी मजदूर हैं, जिन्होंने बरसों तक दिन-रात बीड़ी बांधकर अपनी उंगलियाँ घिस डालीं ताकि अपनी बेटी की शादी धूमधाम से कर सकें। उन्होंने पाई-पाई जोड़कर 4 लाख रुपये जमा किए थे। सोनाली राय ने शिप्रा का विश्वास इस कदर जीता कि उन्होंने वह पूरी रकम सोनाली को उधार दे दी। लेकिन जैसे ही रकम हाथ लगी, सोनाली रातों-रात गांव छोड़कर फरार हो गई। आज जब बेटी की शादी सिर पर है, तब शिप्रा के पास न तो पैसे हैं और न ही कोई सहारा। उनकी आंखों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं।
ठगी का अहसास होने के बाद जब महिलाओं ने शोर मचाया और बागदा थाने में शिकायत दर्ज कराई, तो पुलिस सक्रिय हुई। तकनीक और खुफिया जानकारी की मदद से पुलिस ने सोनाली का पीछा किया और आखिरकार उसे उत्तराखंड से ढूंढ निकाला। पुलिस की एक टीम उसे गिरफ्तार कर वापस बंगाल लाई। शुक्रवार को उसे बनगांव महकमा अदालत में पेश किया गया, जहाँ से पुलिस ने उसे आगे की पूछताछ और गबन की गई रकम की बरामदगी के लिए अपनी हिरासत में ले लिया है।
इस घटना ने स्थानीय स्तर पर काफी रोष पैदा कर दिया है। उत्तर 24 परगना जिला परिषद की सदस्य शम्पा अधिकारी ने इस मामले में कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यह केवल आर्थिक अपराध नहीं, बल्कि उन गरीब परिवारों के खिलाफ अपराध है जो मेहनत से अपनी जीविका चलाते हैं। उन्होंने पुलिस प्रशासन से मांग की है कि सोनाली राय के खिलाफ ऐसी मिसाल कायम करने वाली कार्रवाई की जाए कि भविष्य में कोई भी गरीबों की मेहनत पर डाका डालने की जुर्रत न कर सके। साथ ही, उन्होंने अदालत से यह सुनिश्चित करने की अपील की है कि पीड़ितों का पैसा जल्द से जल्द वापस मिले।
सोनाली राय की गिरफ्तारी ने यह साबित कर दिया है कि अपराधी चाहे कितनी भी दूर क्यों न भाग जाए, कानून के हाथ लंबे होते हैं। हालांकि, असली चुनौती अब उस रकम को बरामद करने की है, जिसे आरोपी ने शायद ठिकाने लगा दिया होगा। कुजरबागी की महिलाओं को अब बस इसी बात का इंतजार है कि उनकी मेहनत की कमाई उन्हें वापस मिले ताकि शिप्रा जैसी मांएं अपनी बेटियों का हाथ पीला कर सकें।